राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। आचार्य दयाशंकर शास्त्री महाराज ने कहा कि महायज्ञ से सभी मानव समाज का कल्याण होता है। महायज्ञ के मंडप की परिक्रमा से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं, मनुष्य आरोग्य होने के मानसिक स्वस्थ हो जाता है। वह शहर के मिश्र नेवरी काशीपुर में नवनिर्मित काली मंदिर परिसर में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण व शतचंडी महायज्ञ में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलयुग में भागवत आराधना, भजन, पूजा पाठ मनुष्य को सद्गति प्रदान करने करता है । भगवान की भक्ति में जाति, उम्र कोई महत्व नहीं रखता है, भगवान भाव देखते हैं । उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि सनातन धर्म के रास्ते चलें उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो सकती है। महायज्ञ में अयोध्या से प्रवचन करने आयी आरती किशोरी ने शिव विवाह गीत प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए भगवान ने नरसिंह रूप धारण किया। भगवान के बनाए गए विधान से अलग हटकर उन्होंने अपने भक्त की रक्षा किया यही भगवान की लीला है। भगवान को मानने वाले तथा सेवा करने वालों के लिए भगवान कहीं भी कभी भी किसी रूप में आ सकते हैं। यही मनुष्य को समझना है जिस दिन यह बात मनुष्य को समझ में आ गई मानव समाज का भला होने लगेगा। महायज्ञ में बच्चों ने मटका फोड़ कर अच्छी झांकी प्रस्तुत किया। महायज्ञ में प्रतिदिन हवन पूजन के साथ शतचंडी पाठ हो रहा है। श्रद्धालु भक्त यज्ञ मंडप की परिक्रमा के साथ मंदिर में पूजा पाठ कर रहें हैं।
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