राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। जनपद में पास्को एक्ट के तहत बढ़ते मुकदमों को लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केशव नारायण पांडेय ऊर्फ सुनील पांडे ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून बच्चों के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसके दुरुपयोग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सुनील पांडे ने कहा कि प्रशासन को बिना समुचित जांच के किसी भी व्यक्ति पर पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज नहीं करना चाहिए। समाज में कुछ लोग आपसी रंजिश, बदले की भावना या जमीन-जायदाद जैसे पारिवारिक विवादों में भी इस कानून का गलत प्रयोग हो रहा हैं, जिससे निर्दोष लोग फंस रहे हैं और उनके जीवन पर गहरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पास्को जैसा सख्त कानून एक संवेदनशील उद्देश्य के लिए है, लेकिन इसके नाम पर यदि निर्दोष युवाओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जाएगा तो यह समाज की न्यायिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील पांडेय ने प्रशासन से अपील किया कि हर मामले में निष्पक्ष जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाए। जिससे न तो अपराधी बच पाए और न ही कोई निर्दोष व्यक्ति मानसिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो। उन्होंने समाज के लोगों से भी अपील किया कि वे इस कानून का सम्मान करें और इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल न करें।
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