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प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार: महिला को मनरेगा मजदूरी के बदले मांगे गए 10 हजार रुपये, न्याय की गुहार



पूर्वांचल राज्य समाचार


पीलीभीत, पूरनपुर स्थित धनेगा गांव की निवासी शवाना बेगम, जो प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी हैं, इन दिनों अपनी मेहनत की मजदूरी पाने के लिए दर-दर भटक रही हैं। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने पहले आवास योजना की मंजूरी के नाम पर 10,000 रुपये लिए और अब मनरेगा के तहत मजदूरी जारी करने के लिए फिर से 10,000 रुपये की मांग कर रहा है।

शवाना बेगम, जो अपने दिव्यांग बेटे की देखभाल में लगी रहती हैं, पिछले दो महीनों से ग्राम प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें उनका हक नहीं मिला है। उनका कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2023-24 में मकान निर्माण पूरा कर लिया, लेकिन मनरेगा की मजदूरी अब तक नहीं दी गई। इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई जब रोजगार सेवक ने महिला को एक अनैतिक प्रस्ताव दिया। आरोप है कि रोजगार सेवक ने कहा कि उनकी मजदूरी का पैसा खाते में भेज दिया जाएगा, लेकिन उन्हें इसे निकालकर वापस देना होगा। शवाना बेगम ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया, जिसके बाद ग्राम प्रधान ने दो टूक कह दिया कि जब तक 10,000 रुपये नहीं दिए जाते, तब तक मजदूरी का भुगतान नहीं होगा। इस अन्याय से तंग आकर शवाना बेगम ने खंड विकास अधिकारी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और गरीब मजदूर को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े। यह मामला न केवल प्रधानमंत्री आवास योजना बल्कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और क्या पीड़िता को उसका हक मिल पाता है या नहीं। अब देखना यह होगा कि ऐसे भ्रष्ट सचिव पर क्या कार्रवाई होती है या फिर मामला यूं ही गोलमाल होगा।

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