कलीनगर क्षेत्र के धान क्रय केन्द्र पर फर्जी खरीद की हुई शिकायत
सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन व जिम्मेदारों पर उठे सवाल
पीलीभीत जिला खाद्य विपणन अधिकारी विजय कुमार नहीं उठाते फोन
कार्रवाई न होने पर होगा आन्दोलन - रमेश दद्दा
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो पीलीभीत ज़िला संवाददाता शबलू खा
पीलीभीत (कलीनगर)
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश चन्द्र दद्दा ने तहसील कलीनगर के उप जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार सिंह को यू•पी• कोआपरेटिव बी पैक्स जमुनिया एट मैनाकोट पर फर्जी धान खरीद की लिखित शिकायत करते हुए समस्त धान खरीद को निरस्त कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कार्रवाई न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।
प्राप्त विवरण के अनुसार जनपद पीलीभीत की तहसील कलीनगर क्षेत्र में यू•पी• कोआपरेटिव के धान क्रय केन्द्र बी पैक्स जमुनिया एट मैनाकोट के धान क्रय केन्द्र पर फर्जी धान खरीद किए जाने की शिकायत कलीनगर उप जिलाधिकारी से की गई है शिकायती पत्र में कहा गया है कि उक्त धान क्रय केन्द्र पर किसान से धान खरीद न करके बिचौलियों से धान खरीद की गई है धान क्रय केन्द्र पर एक प्राइवेट व्यक्ति द्वारा किसी के अंगूठे के निसान वाली रबर स्टैंप बायोमेट्रिक मशीन पर लगाते हुए साफ देखा जा सकता है जब जिला खाद्य विपणन अधिकारी विजय कुमार से फोन कर स्थिति से अवगत कराने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया ऐसा प्रतीत होता है कि यू•पी• कोआपरेटिव के धान क्रय केन्द्रों पर व्याप्त भ्रष्टाचार उन्हीं के संरक्षण में पनप रहा है उक्त केन्द्र के सभी जिम्मेदारों ने सरकार व किसान दोनों के साथ धोखा किया है।
भाकियू भानु द्वारा दिए गए शिकायती पत्र में मांग की गई है कि रबर स्टैंप केन्द्र प्रभारी जयवीर सिंह के अंगूठे की है या किसी अन्य व्यक्ति की है तथा जब-जब क्रय केन्द्र पर धान की खरीद केन्द्र प्रभारी जयवीर सिंह के द्वारा होना दर्शाया गया है तब-तब धान क्रय केन्द्र प्रभारी जयवीर सिंह कहां थे इस बात की जांच केन्द्र प्रभारी के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस करके की जाए शिकायती पत्र में यह भी कहा गया है कि धान क्रय केन्द्र पर की गई समस्त खरीद को फर्जी मानते हुए उसे निरस्त किया जाए और जांच कर दोषियों के विरुद्ध उचित वैद्यानिक कार्रवाई की जाए अन्यथा की स्थिति में आन्दोलनात्मक कदम उठाया जाएगा भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश चन्द्र दद्दा ने पूरे फर्जीवाड़े के अपने पास प्रयाप्त साक्ष्य होने का भी दावा किया है। अब देखना यह होगा कि अधिकारी निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हैं या प्रदेश संगठन मंत्री को आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन जिस तरह से फर्जीवाड़ा सामने आया है वह सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन तथा जनपद के जिम्मेदारों पर सवालिया निशान जरूर खड़ कर रहा है।
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