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महराजगंज में क्षत्रिय समाज ने मनाई महाराणा प्रताप की 429 वीं पुण्यतिथि

 


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महराजगंज

घुघली पल्टू मिश्रा


 अखिल क्षत्रिय महासभा जनपद इकाई-महराजगंज के तत्वावधान में ग्राम सभा चड़लहा के चौतरवा में स्थित कोटही मॉता मन्दिर परिसर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र एवं महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण कर महाराणा प्रताप की 429वीं पुण्यतिथि मनाई गई l

कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान चड़लहा संजय सिंह एवं संचालन जिला महामंत्री सत्य प्रकाश सिंह ने किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला संरक्षक नरसिंह बहादुर सिंह रहे lबैठक को संबोधित करते हुए जिला संरक्षक नरसिंह बहादुर सिंह एवं अध्यक्ष संजय सिंह ग्राम प्रधान चल रहा गोरखपुर मंडल उपाध्यक्ष अजय सिंह नन्हे सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराजा उदय सिंह एवं माता रानी जीवंत कुंवर के घर 9 मई 1540 को हुआ था । उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया lमेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से बचाने ,अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगलों से संघर्ष करते रहे l अकबर का कहना था कि महाराणा प्रताप हमारी अधीनता स्वीकार कर लें तो हम उनके राज्य की तरफ नहीं देखेंगे परंतु महाराणा प्रताप ने अधीनता स्वीकार न कर अपने राज्य एवं सर्व समाज की रक्षा के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहे, उन्होंने जंगलों में घास की रोटी खाई ,सरिता का पानी पिया और पत्थरों पर सो करके अपने देशभक्ति की मिसाल कायम की जिससे वह आज भी अमर हैं।उनकी मृत्यु 19 जनवरी 1597 को हुई l महाराणा प्रताप क्षत्रिय समाज ही नहीं सर्व समाज के लिए पूज्यनीय हैंlमेवाड़ के आदिवासी भील उन्हें अपना बेटा मानते थेl अकबर महाराणा प्रताप से सामने कभी युद्ध नहीं किया क्योंकि वह महाराणा प्रताप की बीरता से बहुत डरता था ।जब कि महाराणा प्रताप के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था l ऐसे वीर सम्राट, शूरवीर ,राष्ट्र गौरव ,पराक्रमी ,साहसी ,राष्ट्रभक्त को देश शत-शत नमन करता है l

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