फीका रहा आयोजन,मीडिया ने भी नहीं दिखाई कोई दिलचस्पी
51 शक्तिपीठों और 12 ज्योतिर्लिंगों के मुख्य अर्चकों का एक साथ समागम
मैनेजमेंट व संचालन में कमी,साथ ही विषयांतर
कृष्णा पंडित की कलम से
एक घंटे से ज्यादा कार्यक्रम में उपस्थित रहे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक
ना पूजन ना मंत्रोच्चार,बैठे रह गए वेद पाठी ब्राह्मण
भारत की सनातन संस्कृति के संरक्षण में ही देश का विकास है
वाराणसी: किसी भी राष्ट्र की संस्कृति ही उस राष्ट्र की पहचान होती है और धर्म उसकी आत्मा । संस्कृति जीवन को जीने की विधि है। हमारे सोचने और जीने की विधि में हमारी अंतःस्थ प्रकृति की अभिव्यक्ति ही संस्कृति है। इसी के माध्यम से हम अपने अंदर और बाहर के जीवन को ,शारीरिक, मानसिक शक्तियों को संस्कारवान, विकसित और दृढ़ बनातें है। मानव संस्कृति के अंतर्गत ही प्रशिक्षित होकर व्यक्ति संस्कारी बनता है। पर दुविधा तो ये है कि हमारे भारत में आज की शिक्षा संस्कारयुक्त ना होकर किताब के अक्षरों तक ही सीमित रह गई है। परिणाम ये हो रहा है कि समाज मे आज की पीढ़ी अपनी सनातन धर्म व संस्कृति को भुलती जा रही है। वो सनातन संस्कृति जो व्यक्ति-समाज-राष्ट्र के जीवन का सिंचन कर उसे पल्लवित, पुष्पित, फलयुक्त बनानें वाली सरिता है। वो सनातन संस्कृति जिसका अस्तित्व यूनान, रोम, मिस्त्र और चीन की संस्कृति से भी पुरानी है। जिस भारत की सनातन संस्कृति के महत्वता को विदेशों के बुद्धिजीवीयों ने मानव के कल्याण का और उसके सफल जीवन का आधार माना उसी भारत का युवा वर्ग यहां की सनातन संस्कृति को भूलता रहा है जो आज के युवा को अंधकार की ओर ले जा रहा है।
यह कार्यक्रम सेंटर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट के तत्वाधान में रुद्राक्ष रिसर्च सेंटर में आयोजित किया गया !
उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने कहा यह कार्यक्रम मेरे जीवन का सबसे पहला और सबसे अच्छा कार्यक्रम है जिसमें आकर मैं धन्य हुआ जहां 51 शक्तिपीठों और 12 ज्योतिर्लिंगों के मुख्य अर्चकों का एक साथ समागम हुआ और सबका एक साथ आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित श्री अगस्त्य द्विवेदी मुख्य अर्चक के नेतृत्व में हुआ..
श्री द्विवेदी से पूर्वांचल राज्य प्रधान संपादक के विशेष वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि यह बहुत बृहद आयोजन था जिसका मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म संरक्षण संवर्धन और बिस्तर पर गहरी चर्चा व धर्म रक्षा मंदिर संरक्षण सनातन परंपरा का संवर्धन हो सके को लेकर किया जाना था लेकिन कार्यक्रम के दौरान इस विषय का अभाव रहा ! मंदिरों में पूजन पाठ नियमित और वैदिक परंपरा का मूल तत्वों का लोगों में संचार हो जिसके लिए यह आयोजन किया गया था ! बांग्लादेश से भी आए दर्जनों लोग उपस्थित थे !
प्रधान संपादक लोकप्रिय राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक अख़बार पूर्वांचल राज्य श्री कृष्णा पंडित का अभिनंदन प्रधान अर्चक विंध्याचल धाम अगस्त द्विवेदी द्वारा किया गया जो सनातन संरक्षण संवर्धन व विस्तार के लिए जाने जाते हैं बेहद ऊर्जावान और शानदार व्यक्तित्व के स्वामी हैं. ! भारतीय वायु सेना के पूर्व अधिकारी बैजनाथ दुबे भी उपस्थित रहे....
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