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देव दीपावली के दिन सभी देवी देवता काशी में जाकर दीप जलाते हैं....साध्वी गीतांबा तीर्थ

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो वाराणसी

मुकेश पाण्डेय की रिपोर्ट

रविदास घाट मार्ग स्थित अपने आश्रम पर मातृ छाया शक्तिपीठ की संस्थापिका साध्वी गीतांबा तीर्थ ने देव दीपावली के पर्व पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी और बताया कि देव दीपावली का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बताया , देव दीपावली का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा पर मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह दिन राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय का भी प्रतीक है। यह त्योहार काशी के भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है, जब गंगा घाटों पर लोग दीपक जलाते हैं और भोलेनाथ की पूजा करने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं।देव दीपावली, जिसे देव दिवाली या “देवताओं की दिवाली” भी कहा जाता है, भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र नगरों में से एक, वाराणसी में मनाया जाने वाला एक अद्वितीय और दिव्य पर्व है।

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