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जेएनसीयू में गांंधी जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन अंत्योदय की अवधारणा सर्वोदय की पूरक- कुलपति

राजीव शंकर चतुर्वेदी 

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में बुधवार को गांंधी एवं शास्त्री जयंती के अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वावधान में 'गांंधी एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत: अंत्योदय से सर्वोदय' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता श्री संजय, क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता की जो भावना भारतीयों में थी, गांंधी ने उसे आंदोलन का रूप दिया। गांंधी के चलाये स्वदेशी, सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलन ब्रिटिश सत्ता की आर्थिकी को ध्वस्त करने वाले थे। दीनदयाल जी का अंत्योदय अंतिम व्यक्ति के उदय को संकल्पित है। दीनदयाल जी का मानना था कि भारत की समस्या का समाधान भारतीय चिंतन प्रणाली द्वारा ही संभव है। युवाओं को अपने गाँव को सर्वोत्तम बनाने का संकल्प लेना होगा, इसी से देश का विकास होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता  ने कहा कि गांंधी और दीनदयाल एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों गाँवों के विकास की बात करते हैं। दोनों ही धर्माधारित राजनीति, अर्थनीति की बात करते हैं। कार्यक्रम में संस्कार केन्द्र के शिक्षकों पूजा, पूजा  दूबे, उमा एवं  नंदलाल को सम्मानित किया गया तथा गांंधी, शास्त्री एवं दीनदयाल के जीवन एवं व्यक्तित्व पर आधारित प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर 8 आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्त्रियों में किट वितरित किए गए। प्रो. राम कृष्ण उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन किया। संचालन डाॅ. अनुराधा राय, स्वागत डाॅ. अभिषेक मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. रामसरन यादव ने किया। 

संगोष्ठी के पूर्व कुलपति ने ध्वजारोहण किया और गांंधी एवं शास्त्री जी को श्रद्धांजलि दी। कहा कि गांंधी जी के सत्य, अहिंसा एवं ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों की वर्तमान समय में स्वीकार्यता बढ़ी है। इस अवसर पर संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने रामधुन की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में कुलसचिव एस.एल. पाल, वित्त अधिकारी आनंद दूबे, अमरनाथ, सीडीपीओ, हनुमानगंज, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. सरिता पाण्डेय आदि परिसर के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

कुलपति द्वारा किया गया श्रमदान

गांंधी जी स्वच्छता को महत्त्व देते थे और उसमें ईश्वर का वास मानते थे। गांंधी जयंती के अवसर पर उनके सिद्धांतों को व्यावहारिक धरातल पर उतारने के क्रम में परिसर में श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता के साथ कुलसचिव, निदेशक, शैक्षणिक, संकायाध्यक्ष, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने 1 घंटे का श्रमदान किया। इसके अंतर्गत परिसर के अकादमिक, प्रशासनिक भवन आदि स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया।

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