कोनिया में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन
आदर्श रामलीला कमेटी कोनिया मण्डल की रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर की लीला का मनोहर मंचन किया गया।
रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर की लीला का मंचन किया गया, जय माल के लिऐ बहुत ही विशिष्ट मंच स्टेज लगाया गया था। जहां ढोल नगाड़े बाजे गाजे की धूम धाम के बीच जमकर आतिशबाजी हुई साथ में जलपान मिष्ठान प्रसाद वितरण होता रहा। मंच और गांव को विवाह के अवसर पर बहुत ही सुन्दर दुल्हन की तरह झालर मोतियों से सजाया गया था।
रामलीला मैदान तुलसीकला में 128 साल पुराने रामलीला में कलाकारों के द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। सीता स्वयंवर में एक-एक कर सभी राजाओं ने धनुष उठाने का प्रयास किया मगर शक्तिशाली राजा धनुष को हिला तक न सके जिसके बाद जनक परेशान हो गए और विलाप कर कहने लगे कि क्या यह धरती वीरों से विहीन हो गई है। तब लक्ष्मण ने क्रोधित हो गए।राम ने गुरु की आज्ञा से धनुष को प्रणाम करते हुए उठाया और धनुष पर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाई धनुष गर्जना के साथ टूट गया। धनुष टूटते ही जय श्रीराम के जयकारों के माहौल भक्तिमय हो गया।धनुष टूटने पर देवताओं ने आकाश से पुष्पवर्षा की। धनुष टूटने पर भगवान परशुराम की तपस्या टूट गई।
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