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नेताजी की द्वितीय पुण्यतिथि पर सपा कार्यालय पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन

 


नेताजी की द्वितीय पुण्यतिथि पर सपा कार्यालय पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन


"नेता जी और समाजिक न्याय" श्रद्धांजलि सभा के संगोष्ठी में वक्ताओं ने दिया व्यक्त

राजीव शंकर चतुर्वेदी 

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। नेताजी यानी स्व. मुलायम सिंह यादव समाजिक समरसता और सौहार्द के प्रतीक थे समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास उनके राजनीति के केंद्र में रहा संघर्ष उनकी पूंजी तो संबंधों का मजबूती से निर्वहन में उनका कोई दूसरा उदाहरण नही हैं। उक्त बाते स्व मुलायम सिंह यादव के द्वितीय पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के संगोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने व्यक्त किए।

संगोष्ठी का विषय था "नेता जी और समाजिक न्याय"।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में फेफना विधायक और जिला अध्यक्ष संग्राम सिंह यादव ने कहा कि नेता जी दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे उन्होने हमेशा कमजोर और बांचितो की बात किया पंचायती राज व्यवस्था में कमजोर और महिलाओं को हक दिलाया।उत्तर प्रदेश के अंदर सैकड़ों की संख्या में ऐसे विधायक और सांसद हैं जो साधारण से भी साधारण परिवार से आए और नेता जी ने उन्हे सामाजिक पहचान दिलाया। सभी गरीब की बेटी पढ़े और आगे बढ़े यह सोच स्व.मुलायम सिंह यादव की थी इसे साकार किया कन्याविद्याधन योजना देकर।हर घर में शौचाल योजना की शुरुआत देश सबसे पहले नेता जी ने ही किया था। लोहिया के अनुयाई और गांधी के विचार धारा के पोषक नेता जी की जमीनी पहचान और पकड़ अद्वितीय थी और समाज के सभी वर्गों के प्रिय थे। श्रद्धांजली सभा में उपस्थित सभी की आंखे उस समय  नम हो गई जब पूर्व जिला अध्यक्ष डा.विश्राम यादव ने नेता जी पर खुद की लिखी कविता पढ़ते पढ़ते रोने लगे



श्रद्धांजली सभा में नेताजी मुलायम सिंह यादव को "भारतरत्न" से सम्मानित करने का प्रस्ताव पार्टी के जिला उपाध्यक्ष/ प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय "कान्हजी" ने रखा जिसे वहां उपस्थित सभी लोगो ने सर्वसम्मति पारित किया जिसे जिला अध्यक्ष के माध्यम से भारत सरकार को भेजने का निश्चय हुआ। अंत में देश के मशहूर उद्योगपति रतन जी टाटा के आकस्मिक निधन एवं अंबेडकर संस्थान के संस्थापक सवरू प्रताप उर्फ वैद जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुऐ दो मिनट का मौन रख ईश्वर से गतात्मा की शांति हेतु प्रार्थना किया। श्रद्धांजली सभा में यशपाल सिंह, संजय उपाध्याय, लक्ष्मण गुप्ता, सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी, साथी रामजी गुप्ता, सोयबुल इस्लाम, शशि कांत चतुर्वेदी, कामेश्वर सिंह, रोहित चौबे,जलालुदिन जे डी, श्रीभगवान वर्मा, मदन राय, रामेश्वर पासवान, शैलेश सिंह, जमाल आलम, रविंद्र यादव, कंचन भारती, सुनील पासवान, हरेंद्र गोड देवानंद, गौतम, संतोष राम, धनंजय बिसेन, समसद वासपारी, दिनेश यादव, दशरथ यादव, रामनाथ पटेल, विजय शंकर यादव, जयप्रकाश यादव, देवकुमार चौबे, शामू ठाकुर, अमलेश चौहान, वीरेंद्र यादव, मुन्ना यादव, वकील पासवान, डा.प्रमोद यादव, अनिल,अंगद यादव, अजय यादव, राकेश यादव, सर्वजीत यादव,बंधु, नित्या सैनी, चंदा देवी, गुरुज लाल राजभर, सन्नी यादव,आदि ने विचार ब्यक्त किया संचालन बीरबल राम ने किया। लोकगीत गायक मनोज सिंह और पप्पू पाण्डेय, तेजन यादव ने अपने रचनाओं के माध्यम से धरतीपुत्र को नमन किया। बार एसोसिएशन में महामंत्री रामबिचार यादव के नेतृत्व में विजय बहादुर,निर्भय सिंह , कमलेश यादव आदि दर्जनों अधिवक्ताओं ने भी शिरकत किए।

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