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निचलौल ब्लॉक के दो ग्राम प्रधानों का निर्वाचन निरस्त करने का आदेश

 


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो महराजगंज (ब्यूरो प्रभारी योगेश्वर राय)

निचलौल। निचलौल ब्लॉक के ग्राम पंचायत लोहरौली और पिपरा काजी के प्रधानों का निर्वाचन निरस्त करने का आदेश एसडीएम कोर्ट ने दिया है। इनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। जाति प्रमाण पत्रों की जांच मंडल स्तर और जिला स्तर की कमेटी ने की थी। जांच में इन दोनों का जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया था।


निचलौल ब्लॉक के ग्राम पंचायत लोहरौली निवासी गुनेश्वर यादव ने एसडीएम कोर्ट निचलौल में पूर्व में चुनाव याचिका दाखिल की थी। इसमें यह कहा गया था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में लोहरौली ग्राम पंचायत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया था, जबकि मौजूदा ग्राम प्रधान कहार जाति के हैं। उनके द्वारा अवैध ढंग से जाति प्रमाण पत्र हासिल कर नामांकन दाखिल किया गया है।

उसी नामांकन फार्म के आधार पर चुनाव लड़े और विजयी घोषित हो गए। इस तर्क के आधार पर दाखिल मुकदमा की सुनवाई कोर्ट द्वारा की गई। इसमें जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी और मंडल स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने जाति प्रमाण पत्र की जांच भी की। जांच में ग्राम प्रधान का जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया। इस मामले में एसडीएम कोर्ट निचलौल ने आदेश जारी कर लोहरौली के प्रधान कमलेश कुमार का निर्वाचन निरस्त करने का आदेश जारी किया है।


इसी क्रम में निचलौल ब्लॉक के ग्राम पिपराकाजी निवासी मनोज ने एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर ग्राम पिपराकाजी के प्रधान के जाति प्रमाण पत्र को अवैध बताया था। इसमें भी कोर्ट ने दोनों पक्ष की बात सुनने के साथ ही जिला स्तरीय और मंडल स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र कराई थी।

जांच के दौरान ग्राम प्रधान का जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया। चुनाव में यह ग्राम पंचायत भी

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी, वहीं मौजूदा ग्राम प्रधान कहार जाति के हैं। एसडीएम कोर्ट ने पिपराकाजी के प्रधान पद पर निर्वाचित नरेंद्र देव का भी निर्वाचन निरस्त करने का आदेश दिया है।

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