अराजकतत्वों ने रेलवे ट्रैक पर रखा पत्थर, सेफ्टी गार्ड से टकराया पत्थर, हादसा टला
राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। बलिया छपरा रेलवे ट्रैक पर मांझी रेलवे पुल से करीब 300 मीटर पहले इलेक्ट्रिक पोल नम्बर 18/25 एवं 18/27 के बीच पटरी पर रखे पत्थर को देखकर लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद भी इंजन के सेफ्टी गार्ड से पत्थर टकरा गया। जिससे कुछ स्लीपर में खुरचन के निशान आ गया। लेकिन ट्रेन पत्थर को पिसती हुई अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गई। सूचना पाकर मौके पर बैरिया के सीओ मो उस्मान,एसएचओ रामायण सिंह,आरपीएफ इंस्पेक्टर बी के सिंह, टीआई बलिया संजय सिंह, पी डब्लूआई सुरेमनपुर राज कुमार सिंह तथा छपरा रेल सीआईडी के विकास यादव व माँझी में तैनात आरपीएफ के जवान मौके पर पहुँच गए तथा मामले की जाँच पड़ताल शुरू कर दी। पटरी पर पत्थर रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश करने वालों की पहचान कर स्थानीय पुलिस तथा रेल पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी हुई है।बता दे कि बलिया छपरा रेलखण्ड स्थित मांझी रेलवे पुल के समीप रेल पटरी पर पत्थर रखकर शनिवार की सुबह लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन को दुर्घटना की साजिश की गई। यह संयोग रहा कि ट्रेन पत्थर को पिसते हुए आगे बढ़ गई पर बेपटरी नही हुई, अन्यथा पूरी ट्रेन रेल पुल को तोड़कर सरयु नदी में समा सकती थी तथा बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हो सकता था। बताया जा रहा है कि लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस बकुलहा से माझी के लिए रवाना हुई, जैसे ही करीब 11.40 बजे मांझी रेलवे पुल से करीब 300 मीटर पहले पहुँची की इलेक्ट्रिक पोल नम्बर 18/25 एवं 18/27 के बीच पटरी पर लोको पालयट को पत्थर दिखा। जिसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, बावजूद पत्थर सेफ्टी गार्ड से टकरा गया। जिससे कुछ स्लीपर में खरोच के निशान पड़ गए। लेकिन ट्रेन पत्थर को पिसते हुए आगे बढ़ गई। हालांकि लोको पायलट के चालाकी के कारण बड़ा हादसा होने से बच गया। डीआरएम पीआरओ (वाराणसी मंडल ) अशोक कुमार ने बताया कि बकुल्हा स्टेशन के पास रेल पटरी पर पत्थर रखकर डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई थी, लेकिन चालक की चतुराई से नाकाम हो गयी। ट्रेन को कोई डिस्टरबेंस नहीं हुआ है। ट्रेन अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो गई। जांच किया जा रहा है। इस बाबत सीओ बैरिया मो उस्मान ने बताया कि आज सुबह लगभग 10.40 बजे लखनऊ – छपरा छपरा की ओर जा रही थी। वो मांझी रेलवे पुल से 300 मीटर पहले रेल इंजन का सेफ्टी गार्ड किसी पत्थर से टकराने के कारण वहां के स्लीपर्स पर खुरचन के निशान आये है। इसके बाद वह ट्रेन सामान्य रूप से छपरा को ओर रवाना हो गयी और रूट पर सामान्य रूप से रेल परिचालन चल रहा है।
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