पूर्वांचल राज्य, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर,सुनील मणि त्रिपाठी
गोरखपुर।दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसके अंतर्गत शिक्षाशास्त्र विषय के परास्नातक कक्षा के नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ओ.पी. सिंह ने कहा कि शिक्षा ही वह सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा आप स्वयं को तथा अपने राष्ट्र को सफलता के उच्चतम शिखर तक पहुंचा सकते हैं। वर्तमान शिक्षा नीति ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी के द्वारा दिए गए शिक्षा संबंधी विचारों से प्रभावित है जिनके द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद आज एक वट वृक्ष के रूप में पूर्वांचल में अपने उत्कृष्ट कार्यो के द्वारा एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। विद्यार्थियों को सफलता का मूल मंत्र बताते हुए प्राचार्य ने कहा निरंतर सार्थक दिशा में किया जाने वाला प्रयत्न ही सफलता की कुंजी है। शिक्षा शास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. त्रिभुवन मिश्रा ने विषय एवम कैरियर संबंधी जानकारी प्रदान की। शिक्षा शास्त्र विभाग की प्रभारी डॉ. निधि राय ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंतर्गत परास्नातक स्तर पर शिक्षाशास्त्र विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ता अपूर्वा दूबे का स्वागत एवं सम्मान प्राचार्य द्वारा स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक प्रदान कर किया गया।कार्यक्रम का संचालन परास्नातक की छात्रा अंकिता द्वारा किया गया तथा महाविद्यालय में अपने एकवर्षीय अनुभव का साझा परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी ऋतिक विश्वकर्मा, निधि पांडे तथा अन्नु द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ.श्याम सिंह, डॉ. अखंड प्रताप सिंह,डॉ. जागृति विश्वकर्मा तथा डॉ.सुजीत कुमार शर्मा का सहयोग प्राप्त हुआ।
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