पूर्वांचल राज्य ब्यूरो वाराणसी
मुकेश पाण्डेय की रिपोर्ट
वाराणसी गुरुधाम स्थित अपने आवास पर वरिष्ठ लेखिका, साहित्यकार, कवियत्री प्रियंबदा सिंह ने अपनी पुस्तक व रचनाओं पर विस्तृत जानकारी दी साथ ही अपने साहित्यिक सफर के बारे में दैनिक जीवन की घटनाओं को आधार बताकर लिखने की बात कहीं
लेखिका प्रियंबदा सिंह ने बताया कि
साहित्यकार की लेखनी पर उसके व्यक्तित्व, साहित्यिक अभिरूचियों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक ही है। हम जब किसी साहित्यकार या कलाकार के सृजन के क्षेत्र की बात करते हैं तो उसके जीवन के अनुभव, भावनाएं, विचार, रूचियां, परिवेश, परिस्थितियां आदि उसके कृतित्व में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उभर कर सामने आते हैं। हमारे साहित्य का सफर बहुत ही गूढ़ सरल सहज और पुरातन है|इस साहित्यिक सफर में साहित्य व साहित्यकार को बहुत कुछ झेलना पड़ा है|जब भी कोई साहित्यिकार कुछ नया करने की कोशिस की तो,उसके समर्थक कम विरोधी अधिक रहेंगे
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