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लक्ष्मी से कोर्ट में भी मात खा गईं अंजना


मेंहदावल नगर पंचायत के चेयरमैन के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका निरस्त होने पर नगरवासियों में खुशी का माहौल 

सूर्य प्रकाश पाण्डेय 

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

संतकबीरनगर। स्थानीय निकाय के चुनाव में मेंहदावल नगर पंचायत से चेयरमैन पद पर मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रहीं लक्ष्मी निषाद पर भरोसा किया लेकिन उत्तर प्रदेश की सत्ता में बैठी पार्टी को यह रास नहीं आया। स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र में अंदरुनी कलह से जूझ रही थी। विधानसभा क्षेत्र की कुल चारों नगर पंचायतों में भाजपा के प्रत्याशी हार गए थे जिसमें बेलहर कला में भीम आर्मी ने जीत दर्ज कर जिले मे ही नहीं बल्कि पूर्वांचल को आश्चर्यचकित कर दिया था। बखिरा और धर्मसिंहवा में बसपा को तथा मेंहदावल में सपा प्रत्याशी लक्ष्मी निषाद को जीत मिली थी। चूंकि भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी क्योंकि भाजपा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और कई बार मेंहदावल ब्लाक प्रमुख रहे चन्द्रशेखर पांडेय की पुत्रवधु को टिकट दिया गया था। लक्ष्मी निषाद के चेयरमैन चुने जाने के बाद अंजना पांडेय ने चुनाव याचिका यह कहते हुए दाखिल किया कि लक्ष्मी निषाद की उम्र तीस वर्ष से कम है और कूट रचना करके उम्र बत्तीस साल कर दिया गया जिससे नामांकन पत्र वैध हो जाये। लेकिन अपर जिला न्यायाधीश प्रथम ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्णयों के आधार पर निष्कर्ष निकाला और अंजना पांडेय की चुनाव याचिका को निरस्त कर दिया। कोर्ट का निर्णय लक्ष्मी निषाद के पक्ष में ज्यों ही आया मेंहदावल नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में लोगों ने मिठाईयां बांटकर खुशी का इजहार किया।




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