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संचारी दस्तक अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी घर-घर दे रही है दस्तक


11से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान के साथ डायरिया अभियान 1 जुलाई से 31अगस्त तक चलाया जा रहा है

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान जो एक जुलाई से 31जुलाई  तक चल रहा है। जिसमें 11से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान और साथ में डायरिया अभियान 1 जुलाई से 31अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाए जा रहा है। इस अभियान में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर दस्तक अभियान का सफल संचालन कर रही है। इस दौरान इन लोगों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलने वाले विभिन्न योजनाओं को पहुंचाने एवं जागरूक करने का कार्य कर रही है। बेलहरी ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी के अधीक्षक डाक्टर  मुकर्रम अहमद ने बताया कि समस्त ग्राम पंचायत एवं ग्रामों में स्थानीय आशा एवं आंगनबाड़ी द्वारा घर-घर भ्रमण कर दस्तक अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक घरों में जागरूकता एवं आवश्यक जानकारी के साथ-साथ अपने एवं अपने आसपास को साफ सुथरा रखने की जानकारी दी जा रही। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति का बैठक कर नियमित टीकाकरण दिवसों पर छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराने के साथ-साथ आशा प्रत्येक दिवस पर माइक्रो प्लान के अनुसार अपने क्षेत्र में कार्यों का संपादन कर रही है। बीपीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कुपोषित बच्चों के उपचार एवं उन्हें संदर्भ पर विशेष बल देते हुए कार्य करना। दिमागी बुखार के प्रभाव को कम करने के क्रम में घरों में जागरूकता करना एवं प्रत्येक घरों में कम से कम पांच सवालों को करना पहले क्या परिवार में कोई सदस्य को बुखार है, यदि है तो उनको जांच हेतु सूचीबद्ध करना, दूसरा सवाल परिवार में किसी सदस्य को दो सप्ताह से कम की खांसी सांस लेने में परेशानी तो नहीं है, यदि है तो उनकी आवश्यक जांच कराने हेतु नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाना। परिवार में कोई ऐसा सदस्य तो नहीं है जिसको 1 सप्ताह से अधिक खांसी आ रही हो या वजन कम हो रहा हो या बलगम में खून आ रही हो तो यह संभावित क्षय रोग के लक्षण हैं। यदि ऐसा दिखता है तो इन परिवारों को निकटतम हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाना। बीसीपीएम संजय कुमार यादव ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर आशा कार्यकर्ता के द्वारा मच्छर जनित रोग मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जापानी इनफ्लाइट्स, कालाजार इत्यादि से बचाव के विषय में परिवार के सदस्यों को अवगत कराना मुख्य काम है। घरों में मच्छरों से प्रजनन की अनुकूल स्थितियों के विषय में संवाद करते हुए परिवार के सदस्यों से आग्रह करें कि वह घर में देखें की कोई ऐसा पात्र या जगह तो नहीं है जहां मच्छरों का प्रजनन की संभावनाएं अधिक है जैसे कलर टूटी हुई मटकी फटे हुए टायर इत्यादि यदि ऐसे हैं तो इन्हें तुरंत इन्हे निसप्रयोजित करना आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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