वाराणसी पूर्वांचल राज्य ब्यूरो अभिषेक दुबे की रिपोर्ट
वाराणसी:सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो देश के जीडीपी में तकरीबन 30 फीसदी योगदान देते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार एमएसएमई 2027 तक जीडीपी में 35-40 फीसदी योगदान देंगे। ऐसे में ज़रूरी है कि एमएमएसई अपनी विकास की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए डिजिटल रूपान्तरण को अपनाएं ताकि वे 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। डिजिटल रूपान्तरण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार कई नीतियां एवं पहलें लेकर आई है जैसे मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, उद्यम पोर्टल, उद्यमी मित्रा आदि जो एमएसएमई सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाने, इनके संचालन को सुगम बनाने और समग्र प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में कारगर हो रही हैं।
अध्ययन पर बात करते हुए अरविंद नेवातिया, चीफ़ एंटरप्राइज़ बिज़नेस ऑफिसर, वोडाफोन आइडिया ने कहा, ‘‘वी बिज़नेस में हम भारत के विकास में एमएसएमई की भूमिका और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को समझते हैं। हमारा व्यापक एमएसएमई अध्ययन भारत में छोटे कारोबारों के द्वारा की जा रही प्रगति तथा उनके डिजिटल रूपान्तरण में आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डालता है। इसके अलावा यह भारत का सबसे बड़ा एमएसएमई आधारित डिजिटल असेसमेन्ट अध्ययन है, जो ऐसे संगठनों से जुड़े रोचक पहलुओं को बताता है। वी बिज़नेस भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने वाला और एमएसएमई को उनकी विकास की क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम बनाने वाला महत्वपूर्ण साझेदार है।
भारत सरकार के विकास एजेंडा के साझेदार के रूप में जाने-माने दूरसंचार सेवा प्रदाता वी की एंटरप्राइज़ शाखा वी बिज़नेस ने विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर पर राष्ट्रव्यापी अध्ययन ‘वी बिज़नेस रैडी फॉर नेक्स्ट एमएसएमई ग्रोथ इनसाईट स्टडी (वॉल्युम 2.0 2024) के परिणाम जारी किए हैं। यह व्यापक अध्ययन 16 सेक्टरों- आईटी एवं आईटीईएस, फाइनैंशियल सर्विसेज़, परिवहन, निर्माण, रीटेल, कृषि, मीडिया एवं एंटरटेनमेन्ट, मैनुफैक्चरिंग आदि में एमएमएसई की डिजिटल परिपक्वता पर रोशनी डालता है और बताता है कि वे किस तरह अपने संचालन में डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं।
इसके अलावा वी बिज़नेस ने बेहतर डिजिटल असेसमेन्ट टूल को हिंदी और अग्रेज़ी दोनों में लॉन्च किया हे, जो उनके समर्पित एमएसएमई प्रोग्राम रुरैडी फॉर नेक्स्ट का विस्तार है। यह मूल्यांकन तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करता है- डिजिटल कस्टमर, डिजिटल वर्कस्पेस और डिजिटल बिज़नेस। प्रतिक्रिया के आधार पर यह टूल यूज़र विशिष्ट रिपोर्ट देता है, जिसमें बिज़नेस के डिजिटल मच्योरिटी स्कोर, संबंधित डिजिटल प्रोडक्ट एवं सुझाव के लिए उद्योग जगत के अनुसार बेंचमार्क आदि बताए जाते हैं। टूल को ऑनलाईन एक्सेस करने के लिए क्लिक करें:
रिपोर्ट का तरीका
वी बिज़नेस रैडी फॉर नेक्स्ट एमएसएमई ग्रोथ इनसाईट स्टडी वॉलयुम 2.0, 16 उद्योगों- आईटी एवं आईटीईएस, फाइनैंशियल सेक्टर, कृषि, प्रोफेशनल सर्विसेज़, शिक्षा, पर्यटन एवं आतिथ्य, स्वास्थ्यसेवाएं आदि में भारत के 1.6 लाख एमएसएमई के साथ किए गए सर्वे पर आधारित है। डिजिटल दक्षता में विभिन्नताओं पर रोशनी डालने के लिए एमएसएमई को सेक्टर, संचालन की लोकेशन और कंपनी के साइज़ के आधार पर श्रेणीबद्ध किया गया है। विभिन्न उद्योगों के लिए सवाल दिए गए, जिसमें से आईटी और टेलीकॉम को अधिक टेकनिकल क्वेरीज़ मिलीं, क्योंकि टेक्नोलॉजी पर उनकी निर्भरता अधिक है। वहीं कृषि और निर्माण सेक्टर से अडॉप्शन की कम रेट और संसाधनों में आने वाली बाधाओं को लेकर सवाल पूछे गए। एमएसएमई को 10 करोड़ से कम से लेकर 250 करोड़ तक के टर्नओवर के आधार पर वर्गीकृत किया गया था।
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