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गौ-माता की तड़प पर पूरी काशी सड़क पर, दस मिनट तक बंद रहा आवागमन


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, वाराणसी (मुकेश पाण्डेय)

वाराणसी। चारों पीठों के पूज्य शंकराचार्यों से समर्थित गौमाता राष्ट्रमाता महाअभियान के अग्रिम क्रम में परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोवंश हत्या मुक्त भारत बनाने हेतु राष्ट्रीय अहिंसक आंदोलन के रूप में 10 मार्च को 10 मिनट हेतु आंशिक भारत बंद आह्वान किया गया था।जिसके तहत काशीवासी गौभक्त अपने अपने प्रतिष्ठानों,व घरों से बाहर निकल कर सड़को व गलियों में बाहर निकल कर गौमाता राष्ट्रमाता का जयघोष किया।लंका,श्रीविद्यामठ सहित पूरे काशी में हुआ सांकेतिक प्रदर्शन।

शंकराचार्य जी महाराज के आह्वान के अनुपालन में आज सैकड़ों गौभक्तों ने लंका स्थित मालवीय मूर्ति पर 10 बजे एकत्र होकर 10 मिनट तक शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के नेतृत्व में गौमाता राष्ट्रमाता का उद्घोष किया और भारत सरकार से गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने व गौकशी बन्द कराने की एक स्वर में मांग की।

सभा की अध्यक्षता करते हुए डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी व धर्मसभा का संचालन त्रिशूलधारी राकेश पाण्डेय ने और आगन्तुकों को धन्यवाद ज्ञापन हरिनाथ दुबे ने दिया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साकेत शुक्ला, कीर्ति हजारी शुक्ला, सुनील उपाध्याय, सुनील शुक्ला, अजित मिश्रा, अनुराग दुबे,अजय पाण्डेय, किशन जायसवाल, सदानंद तिवारी, राजेश पटेल, शक्ति सिंह, अनिल कुमार, अजय खत्री छोटू, जीपी सिंह, सुभाष चन्द्र सिंह, संतोष तिवारी, सजंय सिंह, सौम्य मिश्रा, विपिन, अनुपम संतोष तिवारी आदि लोग सम्मलित थे।

श्रीविद्यामठ के सामने सैकड़ों वैदिक विद्यार्थियों व संतों ने भी सांकेतिक प्रदर्शन किया, और गौ गीत का सस्वर गायन किया।

कार्यक्रम स्थल पर अयोजित सभा को स्वामी हर्षानंद जी,ब्रम्ह्चारी परमात्मानंद जी ने सम्बोधित किया और भारत सरकार से गोकशी बन्द कराकर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने की मांग की।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, डॉ अनिल शुक्ला, अधिवक्ता रमेश उपाध्याय, रमेश पाण्डेय, पवन मिश्रा, विजया तिवारी, नीलम दुबे, दुर्गेश नंदनी, पाण्डेय, ज्ञानी पल्लेग्रीनी, शिवांगी तिवारी, अमित तिवारी, प्रशांत तिवारी, अभिनय और जगदगुरुकुलम के सैकड़ों वैदिक विद्यार्थी सम्मलित थे।

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