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शादी से पहले उठी दुल्हन की अर्थी मां ने बोला बेटी को दुल्हन के रूप में नहीं देख सकी

मृतक आकाश यादव के भाई की भी शादी भी उसी दिन



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो (राजीव शंकर चतुर्वेदी) 

बलिया। घर में खुशियों का माहौल था। इंटरमीडिएट की परीक्षा समाप्त होने के साथ ही मंशा को परिणय सूत्र बंधन में बंधना था। इसकी तैयारी में घर वाले जुटे थे, लेकिन पलक झपकते ही खुशियां चकनाचूर हो गई। सड़क हादसे में मंशा की मौत से गमगीन है। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा कि क्या करें, क्या न करे। दुल्हन बनने से पहले बेटी की अर्थी को कंधा देते वक्त न सिर्फ घर-परिवार, बल्कि मौजूद हर शख्स रो पड़ा। 

गौरतलब हो कि बांसडीह सहतवार मार्ग पर स्थित बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के जितौरा के पास गुरुवार को ट्रक की टक्कर से बाइक सवार सहतवार थाना क्षेत्र के डुमरिया निवासी मंशा गुप्ता पुत्री स्व. अभय गुप्ता व बाइक चालक आकाश यादव पुत्र विश्वनाथ यादव (निवासी डुमरिया) की मौत हो गई थी। मंशा इंटर की छात्रा थी, जो गांव के आकाश के साथ बांसडीह स्थित राजकीय कन्या विद्यालय में बोर्ड की परीक्षा देने जा रही थी। जितौरा के पास बांसडीह के तरफ से आ रही बालू लदी ट्रक मोटरसाइकिल में भिडंत से मंशा और आकाश की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे की सूचना मिलते ही घर-परिवार ही नहीं, पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। 11 मार्च को ही मंशा को दुल्हन बनना था, लेकिन डोली सजने से पहले ही मंशा की मौत की खबर ने घरवालों को बदहवास कर दिया। मृत मंशा की मां यह कहते हुए रो पड़ी कि बहुत अभागिन हूं, बेटी को दुल्हन बनते नहीं देख पाई। छोटे भाई अर्जुन गुप्ता ने बताया कि दीदी पढ़ाई में बहुत तेज थी। परिजनों ने बताया कि शादी तय होने के बाद लड़के वाले उसे देखने आए थे। तब मंशा ने शादी करने की शर्त रख दी थी। मंशा ने रिश्तेदारों के सामने ही दिया था कि वो शादी के बाद भी पढ़ाई करना चाहती है। मंशा खुश थी कि उसे शादी के बाद भी पढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। घरवालों ने बताया कि मंशा के पिता कि मौत दो साल पहले हो गई थी। तीन बच्चों में वह सबसे बड़ी थी। होनहार के साथ वह बहुत जिम्मेदार थी। घर में मां और भाई बहनों का खयाल रखती थी। पिता नहीं थे, इसलिए वह मां के साथ बाजार से शादी की तैयारी भी खुद से कर रही थी। परीक्षा की वजह से उसने साड़ी, कपड़े आदि मेहमानों के आव भगत के सारे सामान खरीद लिए थे। रिश्तेदारों को भी खुद ही शादी में शामिल होने के लिए बुलाई थी। अपनी सहेलियों के भी शादी आने के लिए तैयार कर चुकी थी।

शाहपुर बभनौली से आनी थी बारात...

मंशा की शादी छह महीने पहले शाहपुर बभनौली नई बस्ती निवासी रतन गुप्ता के साथ तय हुई। 11 मार्च को शादी की तिथि तय हो चुकी थी। शादी के कार्ड छप गए थे। घर में बुआ और बहनों का भी आना शुरू हो गया था। शादी के लिए लड़की के घर गहने, कपड़े की भी खरीदारी कर ली गई थी। लेकिन गुरुवार का दिन मंशा के लिए उसकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ। सड़क हादसे में मंशा की मौत से सारी खुशियां गम में बदल गईं।

आकाश के भाई की भी 11 को फरवरी को शादी थी....

हादसे में जान गंवाने वाले आकाश के भाई की भी शादी 11 मार्च को शादी थी। आकाश दूसरे शहर में रहकर नौकरी करता है। दो दिन पहले वो अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए आया था। इस हादसे में उसकी भी मौत हो गई। आकाश के घर वालों को रो-रोकर बुरा हाल है। मंशा और आकाश के घर भी सिर्फ सड़क भर का फासला है। दोनों के घर से एक साथ लाश पहुंची तो इलाका गमगीन हो उठा। हैरानी की बात की दोनों ही घरों में 11 मार्च को ही शहनाई बजनी थी।

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