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बीडीओ के कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास, बैठक में नही पहुंचे अधिकांश प्रधान

सीडीओ को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, पीलीभीत  (शबलू खा)

पूरनपुर/पीलीभीत। लगातार आरोपों में घिरे बीडीओ को बचाने के लिए आयोजित संगठन की बैठक में भी प्रधानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। बैठक और ज्ञापन देने वालों में पहुंचे नाममात्र के लोगों में भी अधिकांश प्रधान के परिवार के लोग शामिल रहे। क्षेत्र पंचायत में होने वाले करोड़ों की लागत से विकास कार्यों में बीडीओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहे हैं। एक दिन पहले बीडीसी महासंघ के प्रदेश सचिव और जिला अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी ने डीएम से शिकायत की थी। प्रतिनिधिमंडल मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी करेगा। बीडीओ को बचाने के लिए इसको लेकर प्रधान संगठन ने बैठक आयोजन किया। खास बात यह रही कि इसमें नाम मात्र के ही प्रधान पहुंच सके। इस मामले में सीडीओ को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा गया है। मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बैठक और ज्ञापन देने में भी प्रधान और उनके प्रतिनिधि खुद को कैमरे के सामने आने से बचाते रहे। गुरुवार को खंड विकास अधिकारी के प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष नरेश पाल सिंह ने ब्लॉक में बैठक बुलाई। गिने चुने लोगों में प्रधानों की जगह उनके परिवार के लोग दिखाई दिए। इसके बाद ब्लॉक सभी तहसील में पहुंचे एसडीएम की गैर मौजूदगी में सीडीओ को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को देने पहुंचे। तहसीलदार द्वारा कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई करने पर ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा गया। पत्र में खंड विकास अधिकारी को योग्य अधिकारी बताकर विकास कार्यों में अड़चन डालने की बात कही गई है। सभी विकास कार्य नियमानुसार कराने की बात कही गई है। निजी स्वार्थ के लिए ब्लॉक प्रमुख पति पर विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने आरोप लगाया गया है। खास बात यह रही बीडीओ के पक्ष में बैठक में पहुंचने वाले लोग भी खुलकर सामने आने से कतराते रहे। कुछ लोग तो तहसील से वापस भी लौट आए। फिलहाल खंड विकास अधिकारी पर लगातार अपने सजातीय लोगों को फायदा देने का आरोप लग रहा है। ज्ञापन देने वालों बाले पत्र में दर्ज नाम में अधिकांश उनके परिवार के लोग पहुंचे। पत्र में नामजद प्रधान गीता देवी, ओमवती, पुष्पा देवी, पूजा देवी नही पहुंची।

अजय भारती ने बताया कि कारनामों को छुपाने के लिए बीडीओ कुछ प्रधानों को आगे कर रहे हैं। खुद को बचाने के लिए बीडीओ ने कुछ प्रधानों से ज्ञापन लेने की रणनीति पहले ही बना ली थी। 9 मार्च को इस मामले में प्रधान और बीडीसी ब्लॉक में धरना प्रदर्शन करेंगे। टेंडन निरस्त होने और न होने पर भी लोकायुक्त में शिकायत की जाएगी। 

जबकि अतिन्दर पाल सिंह जिलाध्यक्ष बीडीसी महासंघ ने कहा कि हमारे कार्यकाल में क्षेत्र पंचायत से सभी विकास कार्य नियमानुसार हुए हैं। खंड विकास अधिकारी अपने कुछ चहेते प्रधानों को आगे कर अपने कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ प्रधानों से शिकायत कराने के लिए एक दिन पहले ही मीडिया का बता दिया था। इससे लग रहा है प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष बीडीओ ही हैं। सच्चाई उजागर होने से पहले कुछ प्रधानों को गुमराह किया जा रहा है। मामले की शिकायत लोकायुक्त में भी की जाएगी।

बीडीसी महासंघ ने लगाए थे ये आरोप...

बीडीसी महासंघ के प्रदेश सचिव अजय भारती, जिलाध्यक्ष अतिन्दर पाल सिंह ब्लॉक अध्यक्ष महेश कुशवाहा आदि ने 6 मार्च को जिलाधिकारी को शिकायती पत्र में विकास खण्ड पूरनपुर में नामित क्षेत्र पंचायत समिति में तैनात खण्ड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह द्वारा लगभग साढ़े चार करोड़ की धनराशि के 70 विकास कार्यों में सरकारी धन ठिकाने लगाने का आरोप लगाया था। बीडीसी महासंघ के जिलाध्यक्ष अतिन्दर पाल सिंह ने 01 मार्च 2024 को ग्राम मथना के रायल किंगडम होटल में एकाउंटेंट व ए०डी०ओ० आई०एस०बी० को ठेकेदार को टेंडर देते हुये पकड़ लिया था। फजीहत के बाद जिस बीडीओ ने 04 मार्च 2024 को निविदा निरस्त कर दी थी। इसके बाद 06 मार्च को पुनः निविदा का प्रकाशन कर दिया गया था। पूरे मामले में बीडीसी महासंघ के जिलाध्यक्ष अतिन्दर पाल सिंह ने कहा कि 08 मार्च को महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलेगा और बीडीओ के कारनामों का काला चिट्ठा उनके समक्ष खोलकर कार्रवाई कराने की बात कही थी।

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