राजनीतिक निर्लज्जता का सबसे बड़ा उदाहरण बने नीतीश कुमार
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बिहार
अररिया/बिहार। इस बार खेला होगा फ्लोर टेस्ट में पलटीमार नीतीश कुमार फेल हो जाएंगे और जेडी (यू) का बिहार में आधार ही समाप्त हो जाएगा। यानी 'न खुदा ही मिला न विसाल- ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए। वाली कहावत चरितार्थ होगी। उक्त बात सीमांचल के कद्दावर युवा राजद नेता मंज़र खान ने कही। उन्होंने कहा कि
बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक निर्लज्जता के उदाहरण बन गए हैं। जो चुनाव हारने के बावजूद कोई ना कोई जुगाड़ कर अब कुर्सी पर बने हुए हैं।
मुश्किल है भरोसा करना ...
इस बीच यह जाना और समझा जा सकता है कि सत्ता की खातिर गलबहियां डालकर मुस्कुराते चेहरों के पीछे कैसी कटुता और छल-कपट छिपी रहती है, कैसे एक-दूसरे का इस्तेमाल करते हैं और दुराव-अलगाव होते ही तमाम खूबियां एकबारगी खामियों में बदल जाती हैं. क्षणभर पहले जो नायक था उसे खलनायक करार दिया जाता है. जो साम्प्रदायिक था उसे धर्मनिरपेक्ष का प्रमाण-पत्र मिल जाता है. उसके बाद क्या सब होता है यह भी देखने और समझने की बात है. बिहार में 2013 से सत्ता की लिप्सा में नेताओं के रंग बदलते चेहरों और बनते-बिगड़ते रिश्तों के बीच जनता के लिए यह भरोसा करना मुश्किल हो गया है कि उनके किस रूप को सच माने. वर्तमान रूप को सच मान ले तो वह कल पलटीमार प्रवृत्ति की चपेट में आ फिर असत्य न हो जाये, इसकी क्या गारंटी है?
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