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नहीं रहे गजलों के बादशाह पंकज उधास, 72 वर्ष की उम्र में निधन

बॉलीवुड फिल्मों में गजलों को फेमस बनाने वाले सिरताज पंकज उधास का निधन हो गया



पंकज उधास की उम्र 72 साल थी और वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे

सिंगर पंकज उधास को साल 2006 में भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था

गजल गायक पंकज उधास का निधन, लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, मुंबई (उप संपादक अरुण वर्मा)

बॉलीवुड के जाने-माने दिग्गज सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया। उन्होंने 72 की उम्र में अंतिम सांस ली। इसकी जानकारी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी। बताया कि 26 फरवरी को लंबे समय से बीमार होने के कारण उनका देहांत हो गया।

'ना कजरे की धार', 'चिट्ठी आई है...', 'चांदी जैसा रंग है तेरा' जैसे न जाने कितने गानों को अपनी आवाज देने वाले सिंगर और पद्मश्री से सम्मानित पंकज उधास का निधन हो गया है। उनकी उम्र 72 साल थी। बेटी ने इस खबर की पुष्टि की है। बताया है कि वह लंबे समय से बीमार थे। उनकी तबीयत काफी दिनों से खराब थी। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया 
मनोरंजन जगत से लगातार बुरी खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में इस इंडस्ट्री ने कई नायाब चेहरों को खोया है। और अब गजलों को फिल्मों में पॉप्युलर बनाने के लिए जाने जाने वाले पंकज उधास भी अब नहीं रहे। उनका यूं दुनिया को अचानक छोड़कर जाना, हर किसी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। फैन्स और चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए पिता की मौत की जानकारी दी है।

पंकज उधास की बेटी ने दी जानकारी...

नायाब उधास ने लिखा, 'भारी दिल के साथ आप सभी को ये दुखद समाद देना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास अब नहीं रहे। उन्होंने 26 फरवरी, 2024 को अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।'

कौन थे पंकज उधास..?

सिंगर पंकज उधास का जन्म गुजरात के जैतपुर में 17 मई 1951 को हुआ था। 1980 में गजल एल्बम 'आहट' से शुरुआत करने के बाद उन्होंने 'मुकरार', 'तरन्नुम' औ 'महफ़िल' जैसे एल्बम से पॉपुलैरिटी हासिल की थी। तीन साल में ही उन्होंने मनोरंजन जगत में अपनी पहचान बना ली थी। इसके अलावा पंकज उधास ने महेश भट्ट की फिल्म 'नाम' में गाना 'चिट्ठी आई है' गाया और वो रातोंरात सुपरहिट हो गया। पंकज उधास तीन भाई थे और सबसे छोटे थे। पिता का नाम केशुभाई उधास और मां का नाम जितुबेन उधास हैं। इनके बड़े भाई मनहर उधास भी जाने-माने बॉलीवुड के सिंगर हैं। भावनगर से स्कूलिंग करने के बाद मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वहीं, इनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी कर्मचारी थे। केशुभाई की मुलाकात प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से हुई थी, जिन्होंने बाद में पंकज को 'दिलरुबा' वाद्य यंत्र बजाना सिखाया था।


पंकज उधास की गजलें.......

एक रिपोर्ट के अनुसार, पंकज उधास के पीआर ने बताया है कि सिंगर का निधन 26 फरवरी की सुबह 11 बजे के करीब हुआ है। वह मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। लंबे समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। साल 1980 में गजल एल्बम 'आहट' से पंकज उधास चर्चा में आए थे। उन्हें हिंदी सिनेमा और भारतीय पॉप म्यूजिक में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। इन्हें 2006 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

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