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चितबड़ागांव के अधिशासी अधिकारी का हुआ तबादला

एक सप्ताह पहले इसी मामले में उपजिलाधिकारी ने कराया था एफआईआर



पूर्वांचल राज्य संवाददाता, बलिया  

चितबड़ागाँव/बलिया। करोड़ों रुपये गमन के आरोपी अधिशासी अधिकारी के मात्र स्थानांतरित होने से सभासदों में मायूसी छा गई। जिलाधिकारी द्वारा चयनित अपर जिलाधिकारी सीटी मजिस्ट्रेट व लेखाधिकारी ने जांच में करोड़ों का साबित किया था गमन। जिसके खिलाफ सभासदों ने एक सप्ताह तक कार्यालय का ताला बंदी व प्रदर्शन कर अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार को दंडित व रिकवरी करने की मांग को लेकर अड़े थे।

बताते चले कि स्थानीय नगर पंचायत का विकास लगभग एक साल से सभासदों व अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार के विवादों में उलझ कर रुका हुआ था। 12 सभासदों ने शिवमंगल सिंह के जिलाधिकारी को पत्र देकर करोड़ों रुपये कम्बल डस्टबीन हैंडपंप व विना काम कराएं अपने चहेते ठेकेदार को भुगतान करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। जांच में करोड़ों रुपये के घोटाले का दोषी मानते हुए जिलाधिकारी ने शासन से कारवाई करने की मांग भी की थी। परंतु महीनों बीत जाने के बाद भी शासन से कोई कार्रवाई न होते देख सभासदों का गुस्सा फूटा और नगरपंचायत पर ताला जड़ दिया। जिसे शांत करने के लिए उपजिलाधिकारी ने नगन का मुकदमा स्थानीय थाने में दर्ज करा दी। शुक्रवार निदेशक द्वारा अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार का स्थानांतरण जनपद बांदा हो जाने से सभासदों में मायुसी छा गई है। शिवमंगल सिंह के नेतृत्व में दर्जनों सभासदों का मानना है कि करोड़ों रुपये गमन का आरोप पाए जाने के बाद केवल स्थानांतरित होना कहीं से उचित नहीं है। इस सरकार में भी ऐसा गमन के आरोपी को निलंबित व रिकबरी नहीं होती है तो सरकारी धन को लूटने वाले का मनोबल बढ़ेगा।

सब कामकाज चल रहा था ठप

 ईओ अनिल कुमार की मनमानी का आलम यह था कि एक दिन भी कार्यालय नहीं आते थे। जिससे जन्म प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र सहित तमाम विकास का कार्य ठप चल रहा था। अब सभासदों में उम्मीद जगी है कि अब कोई नए ईओ आएंगे तो विकास कार्य को गांत मिलेगी।

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