जनपद की रैंकिंग खराब करने वाले अधिकारियों की तय की जाएगी जवाबदेही: डीएम
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बलिया (ब्यूरो प्रभारी राजीव शंकर चतुर्वेदी की रिपोर्ट)
बलिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को विकास भवन सभागार में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पोर्टल से प्राप्त विकास कार्यों से संबंधित विभिन्न योजनाओं की रैंकिंग एवं ग्रेडिंग के अनुसार बिंदुवार समीक्षा की गई। चिकित्सा विभाग की समीक्षा में बायोमेडिकल उपकरण रखरखाव, सीटी स्कैन एवं टेली मेडिसिन सेवाओं में भी ग्रेड और रैंक अच्छा था। लेकिन मोबाइल मेडिकल यूनिट में प्रगति लाने के निर्देश दिए। पंचायती राज विभाग के अंदर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय की निर्माण की जिओ टैगिंग कराने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा पंचायती राज अधिकारी को दिया गया। साथ ही कम प्रगति पाए जाने पर डीपीआरओ को शो काॅज नोटिस जारी किया गया। भवन निर्माण में कम प्रगति पाए जाने पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता को शो काॅज और समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना एवं राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भी प्रगति लाने के लिए जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की समीक्षा के दौरान सामाजिक वनीकरण में जीवित पौधों की प्रतिशत की प्रगति कम पाए जाने और डीएफओ की बैठक में अनुपस्थिति पाए जाने के कारण जिलाधिकारी ने वेतन रोकने और स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण परीक्षा आकलन, पीएम पोषण और मध्यान्ह भोजन योजना एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति की प्रगति कम पाए जाने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया।ग्राम्य विकास विभाग की प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने अधूरे आवासों के निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण करा कर उसका डाटा पोर्टल पर अपलोड करने और स्वयं मॉनिटरिंग करने एवं आवासों के निर्माण में कम प्रगति पाए जाने पर परियोजना निदेशक को शो काॅज नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा, पिछड़ा वर्ग कल्याण, लोक निर्माण विभाग, दिव्यांगजन पेंशन,पशुधन और श्रम एवं सेवायोजन जैसे अन्य विभागों की जिलाधिकारी ने समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दिया। किसी भी स्थिति में जनपद का नाम खराब जनपद में नहीं आना चाहिए। इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय पति द्विवेदी, परियोजना निदेशक उमेश मणि त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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