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दो दशक से प्रतिमा 'कैद' होने से लोगों में आक्रोश

 



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बलिया (ब्यूरो प्रभारी राजीव शंकर चतुर्वेदी  की रिपोर्ट)

बलिया। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद व न उनकी पत्नी राजवंशी देवी की प्रतिमा के 24 वर्षों से बोरे में कैद होने को व लेकर अब ग्रामीणों का आक्रोश भी बढ़ने लगा है। मंगलवार को प्रतिमास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने 'डॉ राजेन्द्र प्रसाद अमर रहें, राजवंशी देवी अमर रहें' के नारे लगाए। ग्रामीणों ने प्रतिमा का अबतक अनावरण नहीं होने पर नाराजगी भी जतायी। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को ससुराल दोकटी थाना क्षेत्र के रामपुर में वर्ष 1999 से स्थापित प्रत्तिमा का 24 वर्ष बाद भी अनावरण नहीं हो सका है। मंगलवार को प्रतिमा स्थल पर

पहुंचे डा. राजेश, राहुल श्रीवास्तव, डॉ. विश्वकर्मा, मंटू यादव, विश्राम पासवान, रमाशंकर राम, सुनील सोनी, रजनीश श्रीवास्तव, राजबलम यादव, गुड्डू पासवान, राजू गुप्त, राजेश साह, धर्मेन्द्र पटेल, नंदजी साह, विजय शर्मा, सोनू साह आदि ने जमकर नारेबाजी की। इन लोगों ने कहा कि प्रतिमा अनावरण के लिए किसी मंत्री-नेता को समय नहीं मिला। यह 'भारत रत्न' डा. राजेन्द्र प्रसाद और उनकी पत्नी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के दिन ग्रामीणों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया था। ग्रामीणों ने बताया है कि यदि युगल प्रतिमा का अनावरण नहीं हुआ तो 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान तो करेंगे लेकिन हाथ पर काली पट्टी बांधकर। ग्रामीणों ने इस बात पर भी नाराजगी जतायी कि अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत तमाम आयोजन हुए लेकिन प्रतिमा स्थल के आसपास कोई गतिविधि नहीं हुई। साफ-सफाई भी नहीं करायी गयी।

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