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भारतीय संस्कृति की पहचान हैं भारतीय परिधान



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, गोरखपुर

देवरिया। दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियां देखने को मिलती हैं, हर एक संस्कृति का अपना महत्व है वेशभूषा, रहन-सहन, ख़ान-पान आदि है, जो भारतीयता को दूसरी संस्कृतियों से भिन्न बनाती है। 

संजय क्लॉथ स्टोर की तीनों शाखा मोतीलाल रोड,  भीखमपुर रोड, मोहन रोड देवरिया में 2 दिसम्बर को ‘एथनिक डे’ धूम धाम से मनाया गया, ताकि लोग अपनी संस्कृति से जुड़े रहे।  हमारी विरासत, सभ्यता, कला और संस्कृति एक दूसरे से काफी अलग है। इन्हीं के बारे में जागरूकता फैलाने और सम्मान करने के लिए यह दिन मनाया गया इस दिन प्रतिष्ठान से जुड़े सभी लोग अपनी सांस्कृतिक परिधान पहन कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिए और 

दुनिया भर में चाहे कितनी भी संस्कृतियां हो, लेकिन अन्य संस्कृतियों की तुलना में भारतीय संस्कृति सबसे समृद्ध हैं। भारतीयता की पहचान उसकी समृद्ध संस्कृति ही है, जो कई प्रांतों की संस्कृतियों से मिल कर बनी है। यह रंगीन, सुंदर और अद्भुत है। यहां के हर इलाके का रहन सहन खास और अलग है। खाने से लेकर पहनावे तक, भारत में कई तरह के तौर तरीके हैं। एक साड़ी की ही बात की जाए तो इसे कई प्रकार की साड़ियाँ विभिन्न तरह से पहनी जाती है, भारत की प्रमुख साड़ियाँ कांजीवरम, पैठनी, बलूचरी, घाट्चोला व बंधेज तथा सँभलपुरी और बनारसी आदि प्रमुख है।संजय क्लॉथ स्टोर एक समृद्धि और परंपरागत वस्त्रों और संपूर्ण परिवेश से अपने ग्राहकों का परिचय कराता है ताकि युवा पीढ़ी अपने मूल संस्कृति से जुड़ी रहे ।

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