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निविदा निरस्त होने के बावजूद ठेकेदारों का जमाधन वापस नहीं करने का आरोप

नगर पंचायत किछौछा अशरफपुर द्वारा जमानत राशि गबन का आरोप व आरोपों को जिम्मेदार द्वारा बताया जा रहा निराधार 



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, अम्बेडकरनगर 

अम्बेडकरनगर। ऐसी चर्चा है कि जनपद के नगर पंचायत अशरफपुर द्वारा सितंबर माह में सात कार्यों के लिए निविदा विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई थी जिस पर लागत मूल्य का दो प्रतिशत धरोहर राशि जमा करना था ठेकेदारों ने दो प्रतिशत धरोहर राशि जमा कर दी। अधिशासी अधिकारी ने 16 अक्टूबर को अपरिहार्य कारण दिखाकर टेंडर निरस्त कर दिया। नियमानुसार निविदा निरस्त होने पर ठेकेदारों द्वारा जमा धनराशि ठेकेदारों को वापस करने के बाद ही अगला टेंडर निकाला जा सकता है। अधिशासी अधिकारी ने 18 अक्टूबर को नया टेंडर निकला परंतु ठेकेदारों की जमानत राशि वापस नहीं की। 

अधिशाषी अधिकारी विनय कुमार द्विवेदी ने बताया कि जो शिकायत या आरोप लगाया गया है उसका टेंडर से कोई लेना देना नहीं है। शकील अहमद एक ठेकेदार हैं उनके द्वारा कूट रचित के तरीके से पूर्व में नगर पंचायत किछौछा अशरफपुर में कार्य का भुगतना कराया गया है। पूर्व में कराए गए कार्यों की जांच चल रही है। इसीलिए ठेकेदार शकील अहमद नाराज होकर बदनाम करने के लिए किसी से शिकायत करवा रहे है। पूर्व में ठेकेदारों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार जल्द होगा उजागर होगा।नोटिस जारी किया गया है जवाब आ जाने के बाद जाल साजों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवाया जाएगा।

अधिशासी अधिकारी के बयान पर उठा प्रश्न...

अधिशासी अधिकारी ने शिकायत  के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि 21 सितंबर को निकाले टेंडर पर कितने ठेकेदारों द्वारा जमानत राशि जमा की गई थी। टेंडर निरस्त कर 18 अक्टूबर को नया टेंडर निकालने से पहले कितने ठेकेदारों को जमानत राशि वापस की गई। बार-बार पूछने पर इस संबंध में कुछ न बताकर अधिशाषी अधिकारी प्रकरण को ठेकेदार से आपसी दुश्मनी की तरफ मोड़ रहे हैं। परंतु जमानत राशि के संबंध में उन्होंने एक भी शब्द बोलना गवारा नहीं किया। जिससे प्रतीत होता है कि नया टेंडर निकालने से पूर्व उनके द्वारा सभी ठेकेदारों की जमानत राशि वापस नहीं की गई थी।शिकायतकर्ता के आरोप गंभीर हैं जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।

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