पश्चिमी देशों की तुलना में उ०प्र० में गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ते इलाज की सुविधा-जयवीर सिंह
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, लखनऊ (उप संपादक ठाकुर सोनी की कलम से)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेहतर कनेक्टिविटी एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास के चलते मेडिकल टूरिज्म के हब के रूप में तेजी से उभर रहा है। पश्चिमी देशों की तुलना में यहां इलाज सस्ता होने के कारण विदेशी मरीज जटिल रोगों का उपचार कराने के लिए उ०प्र० की ओर रूख कर रहे हैं।
पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से भारत आने वाले लगभग 88 प्रतिशत मरीज बंगलादेश, ईराक, मालद्वीप, अफगानिस्तान, ओमान एवं सूडान केन्या, नाइजेरिया तथा तंजानिया से है। इसमें बंगलादेश से आने वाले मरीजों की संख्या सर्वाधिक है।
यह जानकारी आज प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उ०प्र० में नोयडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में अच्छी चिकित्सा सेवाये देने वाले अस्पतालों तथा बेहतर कनेक्टिविटी के कारण मेडिकल टूरिज्म के रूप में उभर रहे हैं। सुदूर पश्चिमी देशों में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक अब अमेरिका और रूस से भारत लौट रहे हैं और इन शहरों को बड़े अस्पतालों में सेवायें दे रहे हैं। यूपी में पश्चिमी देशों की तुलना में 60 से 80 प्रतिशत तक की बचत होती है। आने वाले दिनों में यहां चिकित्सा पर्यटन में कई गुना बढ़ोत्तरी हो सकती है।
जयवीर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 में कई जाने माने मेडिकल कालेज और चिकित्सालय है। इसमें पॉच चिकित्सालय लखनऊ में स्थित है। इनमें एसजीपीजीआई, केजीएमयू, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू वाराणसी, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल कानपुर, अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल लखनऊ, मेदान्ता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल लखनऊ, डा० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ तथा कैलाश हास्पिटल एण्ड हार्ट इंस्टीट्यूट सेक्टर-27 नोयडा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि देश विदेश से आने वाले पर्यटक कई प्रकार के जटिल रोगों का उपचार करातेे हैं। इसमें हार्ट,आर्थोपेडिक सर्जरी, कॉस्मेटिक सर्जरी, कैंसर उपचार, दंत चिकित्सा, प्रजनन उपचार, वैकल्पिक चिकित्सा, बोनमैरो प्लान्टेशन, बाईपास सर्जरी तथा नेत्र चिकित्सा शामिल है। इसके अलावा कुछ पर्यटक आयुर्वेद से उपचार जैसे योग, पंचकर्म, कायाकल्प आदि के लिए भी आते हैं। क्योंकि उ०प्र० में हार्ट रोगियों का सस्ता इलाज किया जाता है।
उ०प्र० में कुछ वर्षों से चिकित्सा पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय तेजी आई है।
जयवीर सिंह ने बताया कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019 में राज्य में 15 लाख से अधिक चिकित्सा पर्यटकों का उपचार किया गया। यह संख्या सम्भावित रूप से बढ़ेगी, जिससे चिकित्सा पर्यटन स्थल के रूप में राज्य की प्रतिष्ठा को बल मिलेगा।
फोर्टिस अस्पताल समूह में लगभग 2800 से 3000 विदेशों से मरीज उपचार हेतु आते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा पर्यटन में बढ़ोत्तरी के पीछे उ०प्र० की बेहतर कानून व्यवस्था, कनेक्टिविटी एवं अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण एवं सत्ता इलाज है। राज्य सरकार द्वारा मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ आय का साधन भी सृजित हो सके।
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