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शरद पूर्णिमा व खंडग्रास चंद्रग्रहण आज

 चंद्र देव की पूजा करना होता है शुभ- पं. बृजेश पाण्डेय




पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, गोरखपुर।

(ब्यूरो प्रभारी बीपीमिश्र की रिपोर्ट)


गोरखपुर शरद पूर्णिमा आज 28 अक्टूबर दिन शनिवार को मनाया जायेगा,हिन्दू धर्म में प्रत्येक माह मे आने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है, इन सभी पूर्णिमाओं से शरद पूर्णिमा को विशेष कल्याणकारी माना गया है.अश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है उक्त बातें भारतीय विद्वत् महासंघ के महामंत्री ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश पाण्डेय ने बताते हुए कहा की इस दिन खीर का प्रसाद बनाकर खुले आसमान में रात को रखें तथा सुबह प्रसाद ग्रहण करें, आज ही खंडग्रास चंद्रग्रहण भी लग रहा है जो भारत मे दिखाई देने का समय है रात में 1 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ होकर मध्य समय रात्रि को 1 बजकर 44 मिनट पर होगा तथा मोक्ष समापन रात्रि 2 बजकर 23 मिनट पर होगा और इस ग्रहण का सूतक सायं 5 बजे से होगा।इस समयावधि में बालक, वृद्ध,रोगी को छोडकर अन्य को भोजन नही करना चाहिए,खीर को नैवेद्य के रुप मे मंदिर अथवा घर के पूजा स्थान पर न रखें। प्रदोष काल में थोडी देर तक चांदनी मे रखे तथा उसमे तुलसी पत्र अथवा कूश अवश्य रख दें और अगले दिन प्रात: काल प्रसाद स्वरुप उसको सपरिवार ग्रहण करें। पं. बृजेश पाण्डेय ने कहा की शरद पूर्णिमा के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी जी व चंद्र देव की पूजा करना शुभ होता हैं।शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे निकट होते हैं। ये पर्व रात में चंद्रमा की दूधिया रोशनी के बीच मनाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं,शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करना विशेष फलदायी भी होता है।

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