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हिंसा की किसी भी घटना को केवल टोल प्लाजा प्रबंधक/लेन पर्यवेक्षकों के जरिए नियंत्रित किया जाना चाहिए

एनएचएआई ने अपनी नई पहल 'टोल पर शांति' की भी घोषणा की


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, उत्तर प्रदेश (उप संपादक ठाकुर सोनी की कलम से)

           आईए सर्वप्रथम यह जानते हैं कि टोल प्लाजा है क्या ? और टोल प्लाजा पैसा क्यों वसूलते हैं ? 

उत्तर प्रदेश। निजी टोल सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बनाई जाती हैं। आय उत्पन्न करने, ऋण चुकाने और सड़क मार्ग बनाए रखने के लिए टोल एकत्र किया जाता है। सार्वजनिक टोल सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बनाई जाती हैं। बांड का भुगतान करने और सड़क मार्ग को बनाए रखने के लिए टोल एकत्र किया जाता है।

टोल टैक्स का उपयोग सड़क निर्माण और रखरखाव उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसलिए, यह टोल टैक्स वसूल कर नव निर्मित टोल सड़कों की लागत को कवर करता है। यह टोल सड़कों के रखरखाव के लिए भी शुल्क लेता है। टोल टैक्स सामान्य रोड टैक्स नहीं है जो आरटीओ वाहन मालिकों से लेता है।

सड़क मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों को अक्सर टोल प्लाजा से भी होकर गुजरना पड़ता है। वहीं कई बार टोल प्लाजा पर विवाद भी काफी देखने को मिलते हैं। इस बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एएचएआई) ने यात्रियों और टोल संचालकों की सुरक्षा, विवाद को कम करने और टोल प्लाजा पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। एनएचएआई ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस एसओपी के जरिए सरकार की ओर से दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिसके जरिए विवादों में कमी लाने का प्रयास भी किया जाएगा। 

सड़क यात्रियों का प्रबंधन कुशलता से करने के दिए गये दिशानिर्देश

 एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विस्तृत एसओपी में एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि टोल क्लेक्ट करने वाली एजेंसियां अपने कर्मचारियों और सड़क यात्रियों का प्रबंधन कुशलता से करें। एसओपी के अनुसार, क्षेत्रीय कार्यालय सुनिश्चत करेंगे कि टोल संग्रह एजेंसियां दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का वहन करें। 

टोल प्लाजा के कर्मचारी नामपट्टी के साथ एनएचएआई की निर्धारित वर्दी पहननें के निर्देश

इसमें बताया गया कि टोल संग्रह एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि टोल प्लाजा के कर्मचारी नामपट्टी के साथ एनएचएआई की निर्धारित वर्दी पहनें। हिंसा की किसी भी घटना को केवल टोल प्लाजा प्रबंधक/लेन पर्यवेक्षकों के जरिए नियंत्रित किया जाना चाहिए, जिनके शरीर पर कैमरा लगा होना चाहिए। ऐसे मामलों को रिकार्ड करें। 

'टोल पर शांति, की जिम्मेदारी लेन पर्यवेक्षकों की है, जो हस्तक्षेप करके मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास करेंगे

बयान में कहा गया कि किसी यात्री के जरिए गलत व्यवहार के मामले में, लेन पर्यवेक्षक हस्तक्षेप करेगा और मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास करेगा। एनएचएआई ने अपनी नई पहल 'टोल पर शांति' की भी घोषणा की। इसके तहत टोल प्लाजा कर्मचारियों को गुस्से पर काबू पाने का प्रशिक्षण देने के लिए पेशेवर मनोवैज्ञानिकों के साथ समझौता किया गया है।   

बयान के अनुसार, पहला प्रशिक्षण सत्र हरियाणा के मुरथल टोल प्लाजा पर हुआ। देश भर में विभिन्न टोल प्लाजा पर ऐसे प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

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