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मिलावट खोरी का कारोबार चरम पर: कृष्णा पंडित

वसूली व खानापूर्ति के लिए भी होती है छापामारी

  


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, वाराणसी  (प्रधान संपादक कृष्णा पंडित की कलम से)

वाराणसी। जिला वाराणसी दीपावली व अन्य त्यौहारो को लेकर खाद्य पदार्थो में मिलावट खोरी का कारोबार और तेज हो गया है। फुटकर व थोक विक्रेताओं द्वारा आमजन को दैनिक उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओ में शुद्वता के नाम पर जहर खिलाया जा रहा है।

दीपावली, भैयादूज आदि पर्व के मद्देनजर दुकान व बाहर पटेरियों पर, घटिया खोये की आमद से बाजार पट गये है।

घटिया व सिन्थैटिक खोये से निर्मित मिठाईयो से दुकाने सज रही है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही करने के बजाए महज औपचारिकता का ही निर्वाहन किया जाता रहा है। जिससे घटिया, नकली व मिलावटी सामान से जन स्वास्थ्य को भारी खतरा बना हुआ है। लेकिन खाद्य निरीक्षक व टीम ने कुछ दुकानों पर छापेमारी अभियान चलाकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली है।

उल्लेखनीय यह है की जनस्वास्थ्य से होने वाले खिलवाड़ से बचाने के लिए खाद्य विभाग की स्थापना की गयी है लेकिन दुर्भाग्यवश यह विभाग सिर्फ सीजन और त्यौहार पर अपने कार्यों में तेजी लाता है और खानापूर्ति कर सब ठीक-ठाक है जैसी पहल निभाता है।

जहॉ तैनात मुख्य खाद्य निरीक्षक के अलावा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को जांच एवं कार्यवाही की जिम्मेदारी सौपी गयी है। लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारी की शिथिलता व आर्थिक समझौते के परिणाम स्वरुप फुटकर व थोक विक्रेताओं द्वारा की जा रही मिलावटी सामान की बिक्री चर्मोत्कर्ष पर है।

दिखावे के लिए तो छापामारी अभियान चलाया जाता है..



लेकिन कही भी मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री पर रोक नही लग रही है। दुकानदार बेखौफ होकर दूषित व मिलावटी पदार्थ बेच रहे है शिकायत करने पर जांच कराने के नाम पर हजार रुपये मांगे जाते है। शिकायतकर्ता न हजार रुपये दे पाता है और ना ही दूषित मिलावटी सामान की जांच हो पाती है। परिणाम स्वरुप दुकानदार बेखौफ है और दुकानदार व खाद्य सुरक्षा अधिकारी दोनो मिलकर चांदी काट रहे है। बताया जाता है कि त्यौहारो पर छापामारी तो की जाती है लेकिन लिये गये नमूने सम्बन्धित कार्यवाही नाम मात्र लोगो के साथ ही की जाती है, बाकी की कार्यवाही भ्रष्टाचार की भेंट च़ढ जाती है। यही कारण है कि दीपावली जैसे त्यौहार पर बड़े पैमाने पर मिलावटखोर बाहर से दूषित खाद्य पदार्थो को मंगाकर अपना व्यापार चमका रहे है। लेकिन उनका बाल भी बांका हो ऐसी किसी में भी हिम्मत नही है शायद खाद्य निरीक्षक में भी नही। इसीलिए व्यापारियों के हौसले बुलन्द है सभी व्यापारियों के गोदामो में कारीगर सिन्थैटिक पाउडर, घटिया खोया व अन्य कैमिकल से मिठाई के नाम पर जहर खिलाने की तैयारी जोर-शोर से कर रहे है ! जिनकी पुख्ता जानकारी सम्बन्धित विभाग के पास है लेकिन मूक दर्शक रहकर जन स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलबाड़ को देख रहे है । 

लोगो की माने तो इसकी वजह नजराना के रुप में मिलने वाला नोटो का मोटा लिफाफा है....

 पान मसाला से लेकर होटल,ढावो,जलपान गृहो, परचून की दुकानो के साथ खाद्य पदार्थो के प्रतिष्ठानों, मिठाईयों की दुकानो पर मिलावटी सामान का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है। नगर की 80 फीसदी दुकानो पर मिलावटी सामान की भरमार है लेकिन हमारे अधिकारी चुप है आखिर क्यों मिलावट के इतने बड़े गोरख धन्धे को सरक्षंण देना अधिकारियो की मजबूरी है या शौक।

फिलहाल कुछ भी हो लेकिन नगर क्षेत्र में मिलावट का धन्धा चरम पर है दूसरी तरफ व्यापारी नेता शहर में अपना बाजार गर्म किए हुए हैं पहले दर्जनों थे। अब सैकड़ों हो गए हैं लेकिन उनका काम सिर्फ व्यापार की सुरक्षा देना नहीं बल्कि मिलावटखोरों का संरक्षण के साथ हिस्सेदारी तय करना भी है भ्रष्टाचार का पैमाना बढ़ती महंगाई के मुंह पर बौछार कर रही है सरकार की बदनियति से आम आदमी आज महंगाई के दौर में कराह रहा है त्यौहार तो अब अमीरों का शौक और गरीबों का प्रतीक के रूप में ही मनाया जाता है। त्यौहार की आंतरिक खुशी कहीं सिमट सी गई है। जिसको महंगाई की नजर लग गई धीरे धीरे कर खाने पीने की सामान से लेकर डीजल पेट्रोल भी आसमान की ऊंचाई पर पहुंचने वाला  है इतने में आम आदमी का बिगड़ता बजट उसकी पारिवारिक जीवन में उत्तल पुथल मचा कर तबाही के लिए उमड़ रहा है कई घर बिगड़ रहे हैं तो कई बिगड़ने की कगार पर हैं लेकिन सरकार की तानाशाही रवैया सिर्फ सब ठीक-ठाक के तौर पर अपनी मनमानी जारी है।

ज्यादातर सोशल मीडिया से लेकर कुछ प्रिंट मीडिया में भी इस बातों का उल्लेख किया जाता है लेकिन सिर्फ कागज और लोगों तक पढ़ने के लिए ही सीमित रहकर कार्रवाई के नाम पर शून्य स्थिति बनी रहती है।

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