पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बलिया
दुबहर/बलिया। स्थानीय क्षेत्र के विभिन्न गांव में घोड़हरा, शिवपुर दियर नई बस्ती- व्यासी, शिवरामपुर, उदयपुरा आदि में मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर ईद-मिलाद-उन-नबी का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया गया। घोड़हरा में जुलूस मदरसा रिजविया शमशुल उलुम से प्रारंभ होकर गांव के बीच बाजार से भ्रमण करते हुए घोड़हरा ढाला से वापस आकर जामा मस्जिद एवं बिलाल मस्जिद पर समाप्त हो गया। वहीं शिवपुर दियर नई बस्ती-व्यासी में मुस्लिम बंधुओ ने पूरे जोश के साथ जुलूस निकाला। जुलूस व्यासी गांव में भ्रमण करते हुए पुन: मस्जिद पर आकर समाप्त हो गया। इसी क्रम में शिवराम पुर व उदयपुरा के मुस्लिम बंधुओं ने भी जुलूस निकालकर एन एच- 31 पर मिलन करते हुए सहरस पाली होकर अपने-अपने गांव में जुलूस को समाप्त किया।मुस्लिम बंधुओं के जुलूस में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हो,इसके मद्देनजर प्रत्येक गांवों के जुलूस के साथ-साथ दुबहर पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। गौरतलब है कि बरावफात का त्यौहार मोहम्मद साहब के एक ही दिन पड़ने वाले जन्मदिन और पुण्यतिथि पर मनाई जाती है। अल्लाह ने पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम को धरती पर तब भेजा था,जब अरब देशों में कुछ चंद लोगों ने मुसलमान पर हद से ज्यादा जुल्मों सितम किया था।तब पैगंबर मोहम्मद साहब ने ने उपदेश दिया था कि दीन-दु:खियों, अछूतों एवं गरीबों पर अत्याचार-दुराचार करने वाले मुसलमान मेरे अनुवाई नहीं हो सकते। मोहम्मद साहब के रास्ते पर चलने वाला ही सच्चा मुसलमान है। इस मौके पर कारी मुकीमुद्दीन, हाफिज सफीउल्लाह, शबीर खान, प्रधान विनोद भारती, रईस अख्तर, मोहम्मद शबीर, मोहम्मद शमीम, मोहम्मद ताहिर, मुस्ताक अहमद, मोहम्मद फतेह, मोहम्मद सिकंदर, राजू, ओमप्रकाश तिवारी, डॉ संजय चौहान, रियाज अहमद, वकील अंसारी, एहसान अंसारी, अब्दुल हसन, अशरफ अली, प्रधान धर्मेंद्र यादव, पवन गुप्ता, मन्नू सिंह, शैलेंद्र चौबे, धर्मदेव यादव, मुराद अंसारी, मंजूर आलम आदि रहे।
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