जिला संवाददाता शबलू खा
पीलीभीत। जनपद में भ्रष्टाचार के दो गंभीर मामलों ने प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पहला मामला यूपी कोऑपरेटिव धान क्रय केंद्र जमुनिया एट मैनाकोट में किसानों के नाम पर फर्जी धान खरीद का है, जबकि दूसरा मामला तहसील पूरनपुर में नजारत चपरासी के पद पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने से जुड़ा है। दोनों ही मामलों में पहले भी शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, किसान नेताओं ने जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में इन मुद्दों को मजबूती से उठाया, जिसके बाद डीएम ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश चंद्र दद्दा द्वारा भेजी गई शिकायत के अनुसार, पीलीभीत के यूपी कोऑपरेटिव धान क्रय केंद्र जमुनिया एट मैनाकोट पर रबर स्टैंप से फर्जी फिंगरप्रिंट बनाकर धान खरीदा जा रहा था। आरोप है कि बिचौलियों ने किसानों के नाम पर धान बेचकर सरकार और किसानों, दोनों को ठगा। शिकायत में यह भी मांग की गई कि फर्जी फिंगरप्रिंट की रबर स्टैंप किसकी है, इसकी जांच की जाए और केंद्र प्रभारी जयवीर सिंह के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर यह देखा जाए कि धान खरीद के समय वह केंद्र पर मौजूद थे या नहीं।
फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का मामला
दूसरा मामला तहसील पूरनपुर से जुड़ा है, जहां श्रीमती मरियम शेरी ने फर्जी कक्षा आठ की मार्कशीट के आधार पर नजारत चपरासी की नौकरी हासिल कर ली। शिकायत के अनुसार, उन्होंने पहले 2010-11 में जामिया आयशा स्कूल, पूरनपुर से कक्षा चार पास की थी, लेकिन नौकरी पाने के लिए 2009-10 में ही सुमित विद्या मंदिर, पीलीभीत से कक्षा आठ की मार्कशीट बनवा ली। यह साफ दर्शाता है कि मार्कशीट फर्जी तरीके से तैयार करवाई गई थी।शिकायतकर्ता ने मांग की कि सरकारी नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने पर तुरंत उनकी सेवाएं समाप्त की जाएं और सरकारी धन की रिकवरी की जाए। किसान नेताओं द्वारा उठाए गए इन गंभीर मामलों के बाद जिलाधिकारी ने दोनों मामलों में जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश चंद्र दद्दा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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