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वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह कविताम्बरा साहित्य श्री सम्मान से नवाजे गए।

 


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो अमित पाठक।

वाराणसी-

 विश्व हिन्दी शोध संवर्धन अकादमी और कविताम्बरा के संयुक्त आयोजन में साहित्य सम्मान और कविताम्बरा त्रैमासिक साहित्य पत्रिका के डॉ के के प्रजापति पर केंद्रित अंक के विमोचन के अवसर पर ब्रिज इन क्लेव सुंदरपुर वाराणसी स्थित एवरा इन होटल में सम्पन्न हुए भव्य कार्यक्रम में वाराणसी के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह को "कविताम्बरा साहित्य श्री सम्मान* से उनकी साहित्यिक सेवा और उपलब्धियों के लिए अलंकृत किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मनीषी डॉ दयानिधि मिश्र जी ने की। साहित्यकार श्री हीरालाल मिश्र मधुकर जी के संयोजन में इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ प्रोफेसर अनूप वशिष्ठ तथा विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य श्री धर्मेन्द्र सिंह थे। देश के विभिन्न प्रदेशों और जनपदों से पधारे साहित्यकारों का सम्मान करते हुए सभी को स्मृति चिन्ह अंगवस्त्र और पुष्पहार से अलंकृत किया गया। अध्यक्ष डॉ दयानिधि मिश्र जी ने अपने वक्तव्य में साहित्य में मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया । डॉ अनूप वशिष्ठ ने डा के के प्रजापति की ग़ज़लों को आम आदमी के दुख दर्द को अभिव्यक्त देने की क्षमता से भरी हुई बतलाते हुए उनका विश्लेषण प्रस्तुत किया। डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह ने ओडिशा के रचनाकार डॉ के के प्रजापति की रचनाओं को मानवीय संवेदनाओं से संपृक्त बतलाते हुए उन्हें उत्कृष्ट गजलकार बतलाया।अन्य वक्ताओं ने भी प्रजापति जी की ग़ज़लों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।कार्यक्रम में विभिन्न कवियों ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ राम सुधार सिंह ने किया।



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