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महराजगंज के सोहगीबरवा गांव में घुसा बाढ़ का पानी, लोग छतों पर रहने को मजबूर


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो महाराजगंज

घुघली पल्टू मिश्रा

महाराजगंज में पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के पहाड़ों में लगातार मूसलाधार बारिश के चलते नेपाल ने करीब 6 लाख 50 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद नेपाल से निकलने वाली महराजगंज की तमाम नदिया उफान पर है।वहीं सोहगीबरवा गांव बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं। वहीं प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम लगाकर राहत और बचाव कर जारी रखा है। इसी के दृष्टिगत महाराजगंज के DM अनुनय झा ने अधिकारियों के साथ नदियों का निरीक्षण कर अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।वहीं सोहगीबरवा गांव बाढ़ जैसे हालात बन गए है। लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं। वहीं प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम लगाकर राहत और बचाव कर जारी रखा है। इसी के दृष्टिगत महाराजगंज के डी एम अनुनय झा ने अधिकारियों के साथ नदियों का निरीक्षण कर अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।



नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश से भारत के तराई इलाके में स्थित महराजगंज जनपद में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है।नेपाल से भारतीय क्षेत्र में बहकर आने वाली नदियों व नालों की उफान से हर साल एक तरफ जहां सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है।तटबंधों का निरीक्षण कर अलर्ट रहने के निर्देश वहीं जनपद के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह घिर जाते हैं। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी महाराजगंज अनुनय झा सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ महाव नदी समेत तमाम तटबंधों का निरीक्षण कर अलर्ट रहने के निर्देश दिए।

डीएम अनुनय झा ने बताया- बीते बृहस्पतिवार के सायं 6 बजे से ही जनपद सहित नेपाल के जनपदों में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते नेपाल ने साढ़े 6 लाख क्यूसेक पानी गंडक बैराज के द्वारा छोड़ा है। जिसके वजह से महाराजगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में चार लाख तीस हजार क्यूसेक पानी पहुंच चुका है, जिसके चलते चंदन, प्यास सहित महाव नाले के जलस्तर में बढ़ाव देखने को मिला है लेकिन महाव नाले के सभी तटबंध पूरी सुरक्षित है।


राहत एवं बचाव कार्य के सभी उपाय किए जा रहे डीएम ने बताया कि नेपाल में महाव नाला टूटा है। जिसके कारण भारत के कुछ गांवों के पास पानी पहुंच गया है, जिसका निरीक्षण किया जा रहा है और राहत एवं बचाव कार्य के सभी उपाय किए जा रहे हैं। वहीं बारिश के पानी से जिन किसान भाइयों के फसल झोपड़ी या पक्के मकान बाधित हुए होंगे, उनका सत्यापन कराकर उन्हें तत्काल हर संभव मदद किया जाएगा।

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