पूर्वांचल राज्य, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर,सुनील मणि त्रिपाठी
गोरखपुर, मानीराम सिक्टौर बाजार के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभा मनीराम में "ललही छठ" जिससे "तीनछठी" के नाम से भी जाना जाता है। यह यह व्रत माता सुभद्रा ने बलराम के जन्म के पश्चात रखना प्रारंभ किया। यह पर्व हिन्दी महीने के भादों मास में पड़ता हैं।महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना के उद्देश्य से इस व्रत को रखती है। घर की किसी बुजुर्ग महिला के द्वारा छह कहानियां सुनाई जाती हैं।सोहर तथा पारंपरिक गीतों के साथ कुश का पूजन किया जाता है। महुआ के पत्ते पर तिन्नी का चावल, दही और महुआ के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। वही प्रसाद सभी घर के लोगों में वितरित किया जाता है।महिलाएं अपने बच्चों का मुख छठी माता के पास बनाएं गये छोटे से पोखरें से हथेली में पानी लेकर कर धोती है।यह पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में आस्था के पर्व के रूप मनाया जाता है।
0 Comments