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मलेरिया से बचने के लिए एकत्रित हुए पानी की साफ सफाई करे मच्छरों से बचाव के उपाय में सामुदायिक सहयोग जरूरी



राजीव शंकर चतुर्वेदी 

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। बेलहरी ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनवानी  मिटिग हाल में मलेरिया का दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

इसमें वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में बेहतर कार्य के लिए जिला मलेरिया अधिकारी, सुजीत कुमार के द्वारा बताया गया कि जिले में वर्ष जनवरी 2024 से अब तक 146923 लाभार्थियों को जांच किया गया। जिसमें दो मरीज पॉजिटिव मिले दोनों पीड़ित का इलाज करके ठीक किया गया। 

 उन्होंने बताया कि घर के बाहर और भीतर एकत्रित हुए पानी की साफ सफाई और मच्छरों से बचाव के उपाय में विभागीय प्रयासों के साथ सामुदायिक सहयोग आवश्यक है। इसे बढ़ाने के उद्देश्य से ही प्रति वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष के दिवस की थीम ‘अधिक न्यायोचित विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना’ रखी है। अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी के डॉक्टर मुकर्रम अहमद ने बताया कि  कि 2027 तक प्रदेश में भी मलेरिया का उन्मूलन करना है और इस कार्य के लिए समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर है। लोगों को ‘‘हर रविवार, मच्छर पर वार’’ के नारे को साकार करना होगा और इस दिन घर के आसपास एकत्रित पानी को साफ करना होगा। कूलर और अन्य पात्रों के पानी की भी साफ सफाई जरूरी है। इस बीमारी का मच्छर साफ पानी में एकत्रित होता है और सुबह, शाम काटता है। कार्यशाला मे  सदस्यों ने भी जागरूकता कार्यक्रमों में किए गए अनुभव को साझा किया। इस दौरान जिला मलेरिया इंस्पेक्टर , बीपीएम राकेश कुमार सिंह ,बीसीपीएम संजय कुमार यादव, बीएचडब्ल्यू अभिषेक तिवारी, एनएमए नित्यानंद उपाध्याय, संगिनी और आशा विभाग के कर्मियों सहित एनजीओ के लोग मौजूद रहें।

बीसीपीएम संजय कुमार यादव ने बताया कि मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के लक्षणों में बुखार के साथ ठंड लगने की समस्या सबसे सामान्य है। मलेरिया परजीवी शरीर में प्रवेश करने के लंबे समय तक निष्क्रिय रह सकते हैं, यही कारण है कि कई बार इसके लक्षण दिखने में काफी वक्त भी लग सकता है। समय रहते लक्षणों की पहचान कर रोग का इलाज प्राप्त करना चाहिए, ऐसा करके गंभीर जोखिमों को कम किया जा सकता है।

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