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काशी रत्न प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी के 77वें जन्मोत्सव पर भारत अध्ययन केन्द्र, बीएचयू एवं रामकुमारी देवी स्मृति शोध संस्था, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘संस्मरणम्-2024’’ का आयोजन

 


वाराणसी पूर्वांचल राज्य ब्यूरो अभिषेक दुबे की रिपोर्ट

प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी संस्कृत भाषा को समृद्ध एवं सर्वसुलभ कराने वाले विद्वान थे- डॉ. दयाशंकर मिश्र

काशी रत्न प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी के 77वें जन्मोत्सव पर भारत अध्ययन केन्द्र, बीएचयू एवं रामकुमारी देवी स्मृति शोध संस्था, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘संस्मरणम्-2024’’ का आयोजन


वाराणसी। काशी रत्न प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी के 77वें जन्मोत्सव पर भारत अध्ययन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं रामकुमारी देवी स्मृति शोध संस्था, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को ‘‘संस्मरणम्-2024’’ का आयोजन किया गया। मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी के चित्र पर पुष्प एवं माल्यार्पण करके के हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय, उ.प्र. सरकार ने कहा कि प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी संस्कृत भाषा को समृद्ध एवं सर्वसुलभ कराने वाले विद्वान थे। प्रो. द्विवेदी का वर्णन शब्दों में नहीं अनुभूतियों में किया जा सकता है। प्रो. द्विवेदी पांडित्य परम्परा के अप्रतिम कड़ी थे। उनको समझने के लिये उनके द्वारा रचित ग्रन्थों का अध्ययन एवं अध्यापन करना पड़ेगा।


अध्यक्षता करते हुए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि प्रो. द्विवेदी संस्कृत के ही नहीं अपितु सम्पूर्ण वांगमय के आचार्य थे, जिनकी समृद्ध को आगे बढ़ाने के लिये उनके पुत्र डॉ. श्रुति प्रकाश द्विवेदी को विशेष आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने अपने पिता की परम्परा एवं उनके अमृत ग्रन्थों को जनसुलभ करा रहे हैं। स्वागत भाषण प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी, संचालन प्रो. विवेक पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. श्रुति प्रकाश द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर संस्कृत  एवं काशी के विद्वतजन उपस्थित रहे।

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