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दिन दूर नहीं जब कैलाश मानसरोवर दर्शन करने के लिए चीन की स्वीकृति नहीं लेनी होगी: स्मृति सिंह

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के अवतरण दिवस पर स्मृति सिंह निवर्तमान प्रधान रतसर कला से मेजर जनरल जीडी बक्शी की बात हुई और कैलाश मानसरोवर पर राय मांगी गई और कैलाश मानसरोवर को चीन के चंगुल से आजाद कराने का संकल्प अभियान मेजर जनरल जीडी बक्शी के तत्वाधान में शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन के तहत हुआ। तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त कराये जाने की मांग अब फिर जोर पकड़ने लगी है। भारतीय जनमानस और तिब्बती लोग अब भारत सरकार से आस लगाये हुये हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चीन की दमनकारी नीतियों, विस्तारवाद की प्रवृत्ति को सबक सिखाने का समय आ गया है. भारत, अमरीका और अन्य पश्चिमी देश कूटनीतिक रूप से साथ आयें तो तिब्बत का अस्तित्व बचाया जा सकता है और चीन के नापाक इरादों पर लगाम लगायी जा सकती है। देश की सुरक्षा के लिये तिब्बत की चीन से स्वतंत्रता आवश्यक है साथ ही हिंदु धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में शामिल, भगवान शंकर- मां पार्वती का निवास कैलाश मानसरोवर भी तिब्बत में स्थित है। जहां भारतीयों के जाने के लिये चीन लगातार कड़े नियम लागू करता रहता है और अभी भारत के लिए ये यात्रा बंद रखा है।

 चीन की धौंस अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा और इस दूरगामी नीति की शुरूआत तिब्बत के 30 से ज्यादा स्थानों के भारतीय नाम देने से हो चुकी है जो प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में ये शुरुआत हो गई है। वो दिन दूर नहीं जब हमें अपने आराध्य शिवजी के दर्शन करने के लिए चीन की स्वीकृति नहीं लेनी होगी। उक्त बाते स्मृति सिंह ने कही।

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