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करोड़ों की लागत से बने प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सीढ़ी तक नहीं


पूर्वांचल राज्य संवाददाता 

दुबहर बलिया। स्वतंत्रता के आंदोलन में अपने प्राणों की प्रथम आहुति देकर पूरे देश को जगाने वाले शहीद मंगल पांडेय को उनके गरिमा की अनुरूप उनके पैतृक गांव नगवा की पहचान राष्ट्र स्तर पर दिलाने के लिए उनके स्मारक में ऐतिहासिक कार्य करने होंगे। इसको लेकर रविवार के दिन मंगल पांडेय विचार मंच की बैठक मीडिया सेंटर अखार पर अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। 

बैठक को संबोधित करते हुए मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने कहा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव स्थित नगवा में उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से उनके स्मारक पार्क का जीर्णोद्धार तो कराया लेकिन उनके आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सीढ़ी आदि के साथ संग्रहालय की भी व्यवस्था करनी होगी। जिससे पूरे देश से आने वाले लोग अपने सेनानी को सुगमता से दो पुष्प चढ़ाकर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित कर संग्रहालय के माध्यम से उनके बलिदान की गौरव गाथा से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने इसके लिए बैठक के दौरान क्षेत्रीय विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से टेलीफोन पर वार्ता भी किया। जिस पर उन्होंने कहा कि बलिया आने के दौरान मैं विचार मंच के लोगों से जरूर मुलाकात करूंगा। वही मंगल पांडेय विचार मंच की बैठक में सर्व सम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि गूगल पर शहीद मंगल पांडेय जी की जयंती 19 जुलाई गलत दर्ज किया गया है। अभिलेख और रिकॉर्ड के मुताबिक शहीद मंगल पांडेय की जयंती 30 जनवरी 1831 है। जिसे गूगल पर सही करना होगा । इसके लिए विचार मंच का प्रतिनिधिमंडल संपूर्ण साक्ष्य के साथ जल्द ही जिलाधिकारी से मिलकर इस पर उचित कार्रवाई करने की मांग करेगा। बैठक में मुख्य रूप से विमल पाठक, विवेक सिंह, गणेश जी सिंह, डॉ हरेंद्रनाथ यादव, पन्नालाल गुप्ता, कमलेश पांडेय, विनोद पासवान, रंजीत सिंह, बब्बन विद्यार्थी, पवन गुप्ता, संदीप गुप्ता, धीरज यादव, हरिशंकर पाठक, राधाकृष्ण पाठक सहित अनेक लोगों उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता कृष्णकांत पाठक एवं संचालन नितेश पाठक ने किया ।

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