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बोर्ड परीक्षा के दायित्वों से बचने के लिए मास्साव ने किया बीमारी का बहाना

कई बीमारियों के बावजूद स्पेशलिस्ट एमबीबीएस से उपचार कराने की बजाये बीएएमएस से ले रहे चिकित्सा सेवाएं



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, पीलीभीत  (शबलू खा)

पूरनपुर/पीलीभीत। शिक्षक भगवान का रूप होता है, लेकिन जब भगवान ही झूठ का सहारा लेने लगे ऐसे में लोगों का शिक्षकों से भरोसा उठना स्वाभाविक है। बोर्ड परीक्षा के दायित्वों से बचने के लिए एक मास्साव ने कई बीमारियों का बहाना कर दिया। यही नहीं बीमारियों का इलाज करने के लिए उन्होंने किसी स्पेशलिस्ट एमबीबीएस चिकित्सक से चिकित्सा सेवाएं नहीं ली, बल्कि वह बीएएमएस डॉक्टर के यहां इलाज कराने पहुंच गये। उन्होंने इसी डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर विद्यालय से एक लंबा अवकाश ले लिया। मामला किसी तरह सोशल मीडिया पर लीक हो गया। जोकि चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूरनपुर के एक इंटर कॉलेज के शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं के शुरू होने से पहले ही बिना बताए विद्यालय से गायब हो गए। इस संबंध में जब विद्यालय की प्रधानाचार्या ने व्हाट्सएप के माध्यम से स्कूल ना आने तथा अस्वस्थ होने पर प्रार्थना पत्र मेडिकल प्रमाण पत्र की मांग की तो शिक्षक ने अपनी प्रधानाचार्य ही नहीं बल्कि विभाग के जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंकते हुए एक लंबे अंतराल का बेड रेस्ट दर्शाते हुए व्हाट्सएप के माध्यम से ही प्रार्थना पत्र और मेडिकल सर्टिफिकेट भेज दिया। किसी तरह यह दोनों पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गये। जिसको लेकर लोग चर्चा कर रहे हैं कि शिक्षक बीमार नहीं है, बल्कि बोर्ड परीक्षा में अपने दायित्वों से बचने के लिए वह बीमारी का बहाना कर रहे हैं। बुद्धजीवियों का कहना है कि इसीलिए वह ऐसी कठिन परिस्थितियों में किसी स्पेशलिस्ट एमबीबीएस डॉक्टर से उपचार करने की बजाय चूरन चटनी की पैथी में उपचार करने वाले बीएएमएस डॉक्टर की चिकित्सा सेवाएं ले रहे हैं। जो कि उन्हें संदेह के घेरे में खड़ा करने के लिए काफी हैं। अब देखना यह है कि शिक्षक द्वारा की गई इस अनुशासनहीनता मामले में कोई कार्रवाई की जाती है या फिर आपस में ले देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

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