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बे मौसम बारिश से ईद भट्ठा मालिको के चेहरे पर चिंता की लकीरें हुआ लाखों का नुकसान


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, पीलीभीत 

पुरनपुर/पीलीभीत। बेमौसम बारिश ने नगर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के ईंट भट्टा मालिकों को तबाह कर दिया है। पिछले दो तीन दिन से हो रही बारिश से ईंट भट्टों को 10 लाख से भी अधिक का नुकसान हुआ है। बेमौसम बरसात से ईंट भट्टों पर पकने के लिए तैयार की गई ईटें पानी में गलकर खराब हो गई। भट्ठा संचालकों ने बताया कि बारिश के चलते लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। लाखों की संख्या में कच्ची ईंटें बारिश की भेंट चढ़ गई हैं। बरसात से ईंट की पथाई का कार्य भी रुक गया है।

तीन दिनों से हो रही बेमौसम बरसात ने ईंट कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। फड़ में पाथी गईं कच्ची ईंटें पानी भर जाने से गलकर नष्ट हो गई। जिससे ईंट कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है। पूरनपुर क्षेत्र के ईंट भट्ठा मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। पूरनपुर क्षेत्र में 5 दर्जन से अधिक ईंट भट्ठे संचालित है। जिसमें बड़े पैमाने पर मजदूरों से कच्ची ईंट पथाई कर ईंट पकाने के लिए रखी गई थी। शनिवार के दिन करीब सुबह 5 बजे से हो रही बेमौसम बारिश से पूरे क्षेत्र में ईंट भट्टों को लाखों रुपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है। इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व हुई बारिश में ईंट भट्टा मालिकों को काफी घाटा उठाना पड़ा था। शनिवार को सुबह हुई तेज बारिश  व रविवार की रात हुई बारिश से   ज्यादातर भट्टों पर पकने के लिए तैयार ईंटें पानी में गलकर खराब हो गई। इस बार बारिश ने ईंट भट्टा मालिकों को कर्ज में डुबा दिया है। आसपास के क्षेत्रों में ईंट बनाने का काम पिछले दो माह से चल रहा था। इसके बाद ईंट पकने के लिए भट्टे लगाए जाने थे, लेकिन बेमौसम बारिश हो जाने से बनी ईंटे गल गई। बेमौसम तेज़ बारिश के चलते पानी भर जाने से जमीन पर रखी गईं कच्ची ईंट गल कर क्षतिग्रस्त हो गई जिससे हर एक ईंट भट्ठा मालिकों का क़रीब 5 लाख से लेकर 10 लाख तक का नुकसान हुआ है। बारिश ने ईंट भट्टा मालिकों को कर्ज में डुबा दिया है। आसपास के क्षेत्रों में ईट बनाने का काम पिछले दो माह से चल रहा था। इसके बाद ईंट पकने के लिए भट्‌टे पर लगाई जानी थी, लेकिन बेमौसम बारिश हो जाने से बनी ईंट पानी में गल कर खराब गईं। सेहरामऊ क्षेत्र में स्थित गगन ब्रिक्स फील्ड ,सहित अन्य  ईंट भट्टों को बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ है।

आसपास के क्षेत्रों में ईट बनाने का काम पिछले दो माह से चल रहा था। भट्टा संचालकों का कहना है कि इसमें प्रशासन को उचित कदम उठाना चाहिए।जिससे सभी ईंट कारोबारियों को अपनी जीविका चला सकें। वहीं ईट भट्ठों पर कच्ची ईंट पथाही का कार्य करने वाले श्रमिको ने बताया कि बरसात के कारण लगभग करीब 5 लाख ईंट पानी में गलकर बर्बाद हो गई है।इससे भट्ठा मालिकों के साथ साथ ईट पाथने का कार्य करने वाले श्रमिकों का भी काफी नुकसान हुआ है।

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