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योगी जी की पुलिस एप्लीकेशन बदलवाने में माहिर


यह कोई कहानी नहीं है रोज घट रही घटनाओं का सच है जो हकीकत की पोल खोल रहा है चाहे जितना भी ढोल पीट ले योगी जी लेकिन यह तो सुधरने वाले नहीं कभी किसी मजबूर ,लाचार की मदद के बजाय उसका ही दोहन और शोषण इनकी नियति बन चुकी है !


बात करते हैं वाराणसी के सिगरा थाना के सामने वरुणा होटल के पास बिरयानी की दुकान पर बिरयानी खा रहा है एक सामाजिक कार्यकर्ता जावेद अहमद  निवासी गुलाब बाग सिगरा की जिसका दोनों मोबाइल टेबल पर विरयानी खाया ! खाने के बाद  हाथ धोने के लिए उठा इतने में दो उचक्के पलक झपकते ही मोबाइल ले उड़े जब इसकी सूचना दो कदम की दूरी पर स्थित थाना में दी गई तो सबसे पहले साहब ने हिदायत और आदेश दिया कि पहले एप्लीकेशन बदल दीजिए उसमें गुम होने का लिख कर दीजिए फिर बेचारा लाचार आदमी ने आवेदन बदलकर एप्लीकेशन दे दी फिर वही आओ/जाओ छानबीन जारी है !

जमीनी हकीकत यह है कि यदि इनके द्वारा किए गए खुलासे का जांच किया जाए तो दाल में काला ही नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली नजर आएगी !

देखना होगा खबर वायरल होने के बाद हजूर की नाक कटती है या आम जनमानस की सेवा के लिए थाने पर बैठे साहब लोगों के लिए मददगार साबित होते हैं कई महीनों से एक ही थाने पर जमकर मलाई खा रहे हैं निश्चित तौर पर एक कहावत को चरित्राश कर रहे हैं कि सैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का जब ऊपर बैठे अधिकारी यह भूल गए हो कि किसी भी थानेदार की तैनाती और उसकी जवाबदही क्या है तो माजरा यह है की सब गोलमाल है सब ठीक-ठाक है !

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