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केंद्रीय विश्वविद्यालय अमर कंटक का अध्ययन केंद्र खुलने का सपना अधूरा


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महराजगंज (ब्यूरो प्रभारी योगेश्वर राय)

महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा पर बसे थारू जनजातियों को अभी और करना होगा इंतजार अभी  स्थापित होने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए कारगर पहल नहीं हो रही है। डीपीआर न भेजने के कारण महराजगंज   अब तक नहीं खुल सका है। महराजगंज जिले के 27 गांवों में थारूओं का ठौर है। 

अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलता तो लोगो को नए रोजगार के अवसर मिलते...

जानकारी के अनुसार, तीन साल पहले जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का अध्ययन केंद्र बनाने के लिए पहल शुरू की गई। शुरुआत में तो सब कुछ तेजी से हुआ, लेकिन वक्त के साथ प्रयास सुस्त हो गए। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया तो मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक पहुंचा। करीब दो साल गुजर गए, लेकिन प्रस्ताव वहीं लटका है। आगे कार्रवाई नहीं बढ़ने से विश्वविद्यालय स्थापना में पेच फंस गया है। एक साल पहले बागापार में जमीन मिली थी, लेकिन इस प्रक्रिया को भी आगे नहीं बढ़ाया जा सका। वनटांगिया बस्ती में सरकार की मेहरबानी के बाद थारूओं को भी उम्मीद जगी थी कि अब सरकारी योजनाओं की बदौलत उनकी जिंदगी में बदलाव आएगा, लेकिन स्थिति में परिवर्तन नहीं दिख रहा है। अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे थारुओं को मुख्यधारा में लाने के लिए योजनाएं तो बहुत बनीं, लेकिन धरातल पर इनका क्रियान्वयन कम ही हो पाया।

सिटीजन फोरम के महासचिव विमल पांडेय कहते हैं कि थारू समाज के लोगों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना अमर अमरकंटक विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य है। समाज का जो छात्र कक्षा एक से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई करना चाहता है, उसे निशुल्क शिक्षा मिलेगी। भारत सरकार ने सभी को शिक्षित करने के लिए जनजाति विश्वविद्यालय की स्थापना करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं से वंचित यह जनजाति अभी भी विकास की दौड़ में पीछे है। फोरम की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री से भी मांग की जाएगी।

जिले में यहां मिलते हैं थारू.....

महराजगंज में थारूओं की जनसंख्या 8243 है। बेलभरिया-334, भगतपुरवा-108, हरदीडाली-222, बभनी 237, बरगदवा-300, विषखोप-16, देवघट्टी-256, बड़हरा-51, चकरार-336, असुरैना-76, विशुनपुरा 1223, त्रिलोकपुर 211, खैरहवा दुबे- 216, महुहवा-184, मनिकापुर-211, पोखरभिंडा-108, रामनगर-73, शिशगढ़-40, तरैनी-1087, महुअवा-46, सेखुआनी-1684, शिरशिया-196, शिवपुरी-214, नरायनपुर-252, पिपरिया-198 सिरसियामशर्की-130, मंगलपुर-53, पिपरहियां-53, गवनरिया-111 थारू रहते हैं।

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