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वाह वाह ! मंदिर प्रशासन और कमिश्नर साहब

कुछ आईएएस आईपीएस और नेता ही वीवीआईपी दर्शन कर सकेंगे जारी लिस्ट अनुसार




 (प्रधान संपादक कृष्णा पंडित की ✍🏻 कलम से)

वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के बाद जिस तरीके से लोगों की आस्था और विश्वास को नई ऊर्जा के साथ काशी आगमन में लोगों की संख्या बढ़ी है निश्चित तौर पर काशी वासियों के लिए सुखद है ! जहां लोगों के लिए हर्ष का विषय है वहीं राजनीतिक टुच्चे और खुद को सर्व सर्वा मानने वाले अधिकारी की नियत तो देखिए मंदिर प्रशासन द्वारा एक लिस्ट जारी किया गया जिसमें ज्यादातर नाम शामिल है जो राजनीति से रसूख रखते हैं व यह आईएएस, आईपीएस जैसे रैंक को बिलॉन्ग करते हैं !अब आप सोचिए काशी जहां धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ विद्वानों की एक अलग टोली है जिसकी महिमा और गुणगान पूरे देश में गाया जाता है ! यही नहीं समय-समय पर अपना पहचान विशेष कृति के साथ लोगों ने दर्ज कराया है लेकिन मनमानी का यह स्वरूप देखिए कि जब कभी काशी की मान गौरव बढ़ाने वाले लोगों को सम्मान देने की बात आती है तो निश्चित तौर पर कुछ चंद चिन्हित लोग जो कहीं ना कहीं सरकारी लाभ व अपनी व्यवस्था को बचाए रखने के लिए गोलमाल करते हुए सुदृढ़ तरीके से अपनी मंशा को अमली जामा पहना देते हैं और फिर कुछ चंद मीडिया घराना को लेकर सबकी नजर में महान बन जाते हैं लेकिन क्या कोई बता सकता है कि वीवीआईपी का परिभाषा और शाब्दिक अर्थ क्या है ? काशी के परिवेश में निश्चित तौर पर जहां संसदीय क्षेत्र प्रधानमंत्री का और उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं जिनका आगमन साप्ताहिक हो बाबा के दरबार में वहां इस तरह की मनमानी कैसे संभव है..! सूत्रों के मुताबिक मंदिर प्रशासन में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को भी दर्शन के लिए छूट नहीं दी गई 1 जनवरी 2024 से जिस तरीके से टिकट के नाम पर पैसे की वसूली और मनमानी किया जा रहा है वह काशी वासियों के लिए दुखद व हैरान करने वाली बात है !

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