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पर्यावरण संरक्षण के तहत लगाए गए पेड़ को किया गया क्षतिग्रस्त

विरोध करने पर वरिष्ठ पत्रकार को दी गयी धमकी


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महराजगंज (उप सम्पादक ठाकुर सोनी, ब्यूरो चीफ फणीन्द्र कुमार मिश्र, जिला संवाददाता अनिल जायसवाल व कोठीभार संवाददाता संजय अग्रवाल की पर्यावरण संरक्षण हेतु विशेष रिपोर्ट)

महराजगंज/ कोठीभार।  नगर पालिका परिषद सिसवा बाजार के कोठीभार थाना क्षेत्रान्तर्गत मेन मार्केट ,वार्ड नं 24,चित्रगुप्त नगर में मंगलवार की प्रातः बेला में केन्द्र सरकार एवम प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे पर्यावरण संरक्षण एवम सुरक्षा अभियान के तहत कोरोना काल के पूर्व लगाए गए नीम के पेड़ की टहनियों को नोचकर तोड़ दिया गया। 

नगर पालिका परिषद सिसवा द्वारा पर्यावरण संरक्षण अभियान अंतर्गत नगर-नगर,गाँव-गाँव मे कोरोना काल से अनवरत पेड़ लगाए जा रहें हैं। इसी अभियान के तहत सिसवा कस्बा स्थित मेन मार्केट में भी कोरोना काल से पूर्व नीम का पेड़ लगाया गया था। अब वो पेड़ एक छायादार वृक्ष बनकर यहाँ के आसपास के निवासियों, व्यापारियों और राहगीरों को अपनी छाया व स्वच्छ हवा प्रदान करता है। उक्त पेड़ की टहनियों को कई जगह से  स्थानीय निवासी मिथिलेश जायसवाल के द्वारा नोचकर तोड़ दिया गया। उक्त पेड़ स्थानीय निवासी (जिला संवाददाता) अनिल जायसवाल के घर के सामने लगा है। जानकारी मिलने पर पत्रकार अनिल जायसवाल के पूछने पर कि पेड़ को क्षतिग्रस्त क्यों किया गया तो क्षतिकर्ता मिथिलेश जायसवाल ने कहा कि अभी तो पेड़ की टहनियों को तोड़ा है अब मैं पेड़ को ही काट दूँगा ,देखता हूं मेरा कौन क्या बिगाड़ लेता है। 

"एक वृक्ष दस पुत्र समान" वेदवाणी को चरितार्थ करने वाले पत्रकार को मिली धमकी


वेदपुराण में वर्णित एक वृक्ष दस पुत्र समान इस कहावत को अंगीकार करने वाले पत्रकार अनिल जायसवाल ने अपनी सेवाभाव व पर्यावरण संरक्षण की लगन से उक्त पेड़ को वृक्ष बनाने में कोई कसर नही छोड़ी। उक्त पेड़ को पूर्व में भी दो तीन बार क्षतिकर्ता मिथिलेश जायसवाल के द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा चुका है, लेकिन स्थानीय लोगों के समझाने बुझाने पर पत्रकार अनिल जायसवाल ने कोई कार्यवाही नही की। लेकिन वृक्ष को कोई हानि न पहुँचाया जाय इसके लिए चेताया भी था। मंगलवार की सुबह जब सभी लोग गहरी निद्रा में सो रहे थे उस वक्त उक्त मिथिलेश जायसवाल ने नीम की टहनियों को नोचकर तोड़ दिया। जानकारी मिलने पर पूछने गए वरिष्ठ पत्रकार अनिल जायसवाल को क्षतिकर्ता मिथिलेश जायसवाल ने विवाद करते हुए कहा कि अब इस पेड़ की टहनियों के साथ जड़ से पेड़ को ही काट डालूंगा और देखता हूं मेरा कोई क्या बिगाड़ लेता है।ऐसी धमकी मिलने के बाद कलम के सिपाही ने अपने पुत्र समान पेड़ की रक्षा हेतु स्थानीय कोठीभार थाना प्रभारी, सिसवा चौकी प्रभारी व नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा प्रतिनिधि गिरजेश जायसवाल से उक्त पेड़ को अब कोई हानि न हो इस आशय से लिखित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। समाचार लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नही की गयी है। 

पर्यावरण संरक्षण सबका दायित्व

पेड़ काटने में घंटों का समय लगता है। पौधारोपण करना चंद सेकेंड का काम है। उसके बाद भी हम पौधे लगाने में नहीं पेड़ काटने में ज्यादा गंभीरता दिखाते हैं। इसी तरह से पेड़ों पर यदि लालच की कुल्हाड़ी चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढ़ियां पेड़ों की छाया तक तरस जाएगी। अकाल भी सकता है। हम सभी को मिलकर पेड़ों की घटती संख्या को बढ़ाकर पर्यावरण को बचाना है। भारत सरकार एंव प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण को लेकर बहुत सारे अभियान समय समय चलाये जा रहें हैं।हम सभी के प्रयास से ही इस मुहिम में कामयाबी मिलेंगी। जब भी समय मिले हमें एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। 

जिस प्रकार दस कुएं के समान एक बावड़ी, दस बावड़ी के सदृश एक सरोवर, दस सरोवर की तुलना में एक पुत्र और दस पुत्रों की तुलना में एक वृक्ष माना गया है। एक वृक्ष को दस पुत्रों के समान बताया गया है। यानि जितना पुण्य दस पुत्रों को उत्पन्न करने पर होता है उतना ही पुण्य एक वृक्ष लगाने पर होता है। हम अगर किसी वस्तु का सिर्फ उपभोग करेंगे लेकिन उसका निर्माण नहीं करेंगे तो निश्चित है कि एक दिन वो वस्तु नष्ट हो जाती है। अगर अब भी हम नहीं चेते और पर्यावरण बचाने के लिए पौधरोपण नहीं किया तो हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कभी मांफ नहीं करेगी। पेड़ हमें जीवनदायिनी हवा व छाया देते हैं। हमें पेड़ लगाने के साथ ही उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

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