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निराली है सिसवा के श्री हट्ठी माई की महिमा,नवरात्रि में लगती है भक्तों की लंबी लाइन

 पांच नगर देवियों श्री हट्ठी माई, माँ दुर्गा जी,श्री काली माता,श्री सायर माता व भुअरी माता के प्रति नगरवासियों की बहुत ही गहरी आस्था है




पूर्वांचल राज्य ब्यूरो,महराजगंज/ सिसवा 

(ब्यूरो चीफ फणीन्द्र कुमार मिश्र, जिला संवाददाता अनिल जायसवाल व कोठीभार संवाददाता संजय अग्रवाल की नवरात्र पर्व पर स्पेशल रिपोर्ट)




सिसवा नगर पालिका परिषद की पांच नगर देवियों श्री हट्ठी माई, माँ दुर्गा जी,श्री काली माता,श्री सायर माता व भुअरी माता के प्रति नगरवासियों की बहुत ही गहरी आस्था है। इन पांचों देवियों में नगर वासियों के लिए श्री हट्ठी माई का अलग ही महत्व है। लोग माता के दर्शन करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगे रहते हैं। मान्यता है कि उनके दरबार में सच्चे मन से अगर कोई कामना की जाती है तो माता हर मनोकामना पूरी करती हैं। प्राचीन काल से सिसवा बाजार कस्बे में स्थापित हट्ठी माता मंदिर का एक खास महत्व माना जाता है । वैसे तो माता के मंदिर में नवरात्रि के बावजूद भी प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को सिसवा के लोग मत्था टेकते ही है। आस्था इतनी है कि नवरात्रि में माता को धार कपूर और कढ़ाई चढ़ाने वालों की भीड़ लगी रहती है।
कस्बे के पूर्व दिशा में इस्टेट परिसर के बगल में स्थापित माता की महिमा में बताया जाता है कि आजादी के पूर्व और मंदिर निर्माण के पूर्व इस स्थान पर अंग्रेजों का बसेरा हुआ करता था जो सिसवा के लोगों पर जुल्म ढाते थे, ऐसी मान्यता है कि अंग्रेजों से रक्षा करने के लिए माता नर देवी ने यहां वास लिया था जिसके बाद अंग्रेज किसी को छू तक नहीं पाए थे। माता के आदेशानुसार स्वतंत्रता सेनानी करिया सिंह ने वहां पिंड की स्थापना की थी, इसके बाद अंग्रेज चाह कर भी करिया सिंह का बाल भी बांका नहीं कर सके। बाद में पिंड के स्थान पर मंदिर की स्थापना कर पिंड को हाथी रूप में श्री हट्ठी माता को स्थापित किया गया। वर्ष 2015 में इस्टेट परिवार द्वारा माता की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। सिसवा नगर में इस बार नवरात्रि दुर्गा पूजा मेले में भव्य पांडालों का आयोजन किया जा रहा है।

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