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केसीसी का कैसे होगा भुगतान,धान में लगी बीमारी की चर्चा करते किसान

 जिसकी खेती की पैदावार बीमारी से प्रभावित हो, ऊपर से सरकारी कर्ज हो उसका जीवन यापन कैसे होगा



पूर्वांचल राज ब्यूरो,महाराजगंज   घुघली


ब्यूरो चीफ फणीन्द्र कुमार मिश्र, जिला संवाददाता अनिल जायसवाल व घुघली संवाददाता पलटू मिश्रा की संयुक्त रिपोर्ट

जनपद महाराजगंज के सदर तहसील अंतर्गत दरौली ग्राम सभा में किसान अपनी कृषि की हानियों पर एक जगह इकट्ठा हो कर आपस में चर्चा किए कि  खेती में लगी पूंजी झुलसा और पिहिका रोग होने के कारण अब पैदावार प्रभावित जायेगी ऐसे में हम लोग केसीसी का भुगतान तथा अपनी जीवन की दिनचर्या कैसे चला पाएंगे। इस बाबत 75वर्षीय जोखई वर्मा ने कहा कि परिवार बड़ा है और बाहरी कमाई कुछ नही है ,अब तो जीवन जीना मुश्किल हो गया है।शिव पूजन गुप्ता ने कहा कि उधर कोरोना काल, इधर खेती बदहाल रूप में मानसून की हानियों में भयानक क्षति हो गई है। सुख्खू भाई ने कहा कि इस बुढ़ापे में जिसकी खेती की पैदावार बीमारी से प्रभावित हो, ऊपर से सरकारी कर्ज हो उसका जीवन यापन कैसे होगा।सरकार के किसान सहायक, ब्लॉक में बैठे वीडीओ से लेकर उच्च अधिकारी तक किसान की मर्माहत को पूछने वाले "थोथा चना बाजे घना" का हाल बनाए बैठे है।एक तरफ सरकार की नीति पुआल को न जलाने का आदेश किसानों का सरदर्द बना हुआ है।किसानों को जेल करना शासन की नीति बन गई है लेकिन बेल करने की नीति नहीं है।

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