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छात्रों के समर्थन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गेट पर ही रोका गया

अमिताभ ठाकुर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय को बताया जेल, जांच की मांग



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, उत्तर प्रदेश (उप संपादक अरुण वर्मा की रिपोर्ट)

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मीडिया स्टडीज के छात्र आशुतोष कुमार दुबे कि 12 जुलाई को संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन पर समय से एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने अगले दिन 13 जुलाई को कई विभागों में तोड़फोड़ कर दी थी।

इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अजय यादव सम्राट सहित 14 छात्र नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने अजय सम्राट और जितेंद्र धनराज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मुकदमे में नामजद अन्य छात्रों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेडिकल सुविधाओं के अभाव सहित अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर छात्र धरना दे रहे हैं।

छात्रसंघ भवन पर धरना दे रहे हैं छात्रों से मिलने गए  पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गेट पर ही रोक दिया गया। पुलिस प्रशासन के साथ अमिताभ ठाकुर की जोरदार बहस हो गई। चीफ प्रॉक्टर ने धरना प्रदर्शन की अनुमति के आदेश पर अपना पक्ष रखा कि यह निर्णय विश्वविद्यालय में अराजकता को खत्म करने के लिए लिया गया है।  आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर मृत छात्र आशुतोष दुबे के पिता गणेश दुबे के साथ बुधवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे छात्रों से मिलने पहुंचे।


छात्रसंघ भवन पर धरना दे रहे हैं छात्रों से मिलने के लिए उनको गेट पर ही रोक दिया गया। पुलिस प्रशासन के साथ अमिताभ ठाकुर की जोरदार बहस हो गई। चीफ प्रॉक्टर ने धरना प्रदर्शन की अनुमति के आदेश पर अपना पक्ष रखा कि यह निर्णय विश्वविद्यालय में अराजकता को खत्म करने के लिए लिया गया है। इस पर अमिताभ ठाकुर भड़क गए और विश्वविद्यालय को जेल की संज्ञा देते हुए कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों पर अत्याचार कर रहा है। धरना प्रदर्शन पर लगाए गए प्रतिबंध को खत्म करने की मांग की और छात्रसंघ भवन द्वार के सामने ही धरने पर बैठ गए।​ अमिताभ ठाकुर ने छात्रों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने और गिरफ्तार किए गए दो छात्र नेताओं को अविलंब रिहा करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने धरने पर बैठे छात्रों को समर्थन भी दिया। साथ ही छात्रों पर एकतरफा कार्रवाई को लेकर अपना विरोध जताया।​ गेट के बाहर सड़क पर आकर अमिताभ ठाकुर से मिलने के प्रस्ताव को धरने पर बैठे छात्रों ने ठुकरा दिया। कहा- विश्वविद्यालय प्रशासन पर भरोसा नहीं है। अंदर वह सुरक्षित है बाहर निकलने पर पुलिस उनको गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे डाल देगी।

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