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कानपुर में कलेक्टरगंज इंस्पेक्टर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, जेल



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो,  (सुनील बाजपेई की रिपोर्ट)

कानपुर।  किरायेदारों से मकान खाली करने के नाम पर 50,000 की रिश्वत लेते हुए कलेक्टरगंज के इंस्पेक्टर राम जनम सिंह गौतम को रंगे हाथों गिरफ्तार कर दिन मंगलवार को जेल भेज दिया गया। एंटी करप्शन की इस कार्रवाई से महकमे के भ्रष्ट पुलिस वालों में हड़कंप मचा हुआ है। एंटी करप्शन की टीम ने इंस्पेक्टर को उनके ही थाने के सरकारी आवास में पीड़ित से रकम लेते दबोचा।

मिली जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर गौतम ने रिश्वत एक जर्जर मकान से किरायेदारों को बाहर निकालने और मकान गिरवाने के एवज में ली। घटना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल का रास्ता दिखाया गया है।  संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना के बारे में एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि फीलखाना थानाक्षेत्र के कराचीखाना, नारायण प्लाजा के नरेंद्र कुमार गुप्ता के बेटे ने जनरलगंज में पुराना मकान खरीदा था। वह पुराने और जर्जर मकान को तोड़वाना चाहते थे, लेकिन किरायेदार मकान छोड़ने को तैयार नहीं थे। तीन अक्टूबर को किरायेदारों से विवाद हुआ तो वह कलक्टरगंज थाने पहुंचे, जहां उनकी सुनवाई नहीं हुई।  एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि इसके बाद 11 अक्टूबर को इंस्पेक्टर राम जनम सिंह गौतम ने मकान से किरायेदारों को बाहर निकलवाने और जर्जर मकान को तुड़वाने की रिपोर्ट भेजने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। पैसा देने पर किरायेदारों पर मुकदमा दर्ज करने की बात भी तय हुई। नरेंद्र गुप्ता ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन की टीम से की। इसी के बाद इंस्पेक्टर ने नरेंद्र गुप्ता को पैसे लेकर थाना में अपने सरकारी आवास पर बुलाया। जहां पैसे लेते ही एंटी करप्शन की टीम ने छापा मारा और इंस्पेक्टर को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन की इस कार्रवाई से महकमे के भ्रष्ट पुलिस वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

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